Green House: खेती-किसानी पूरी तरह पर्यावरण से जुड़ा हुआ बिजनेस है, जिसमें मुनाफा पूरी तरह मौसम के बदलाव पर आधारित है. यदि मौसम फसल के अनुरूप है तो किसानों को बढ़िया उत्पादन मिलने के आसार होते हैं. वहीं अगर मौसम की चाल ठीक नहीं है तो किसानों को नुकसान की संभावना बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में किसानों को आधुनिक खेती से जोड़ा जा रहा है. पॉली हाउस, ग्रीन हाउस, लो टनल में खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. केंद्र और राज्य सरकारें लगातार किसानों को इन आधुनिक ढांचों में खेती करने के लिए आर्थिक और तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहे हैं, जिससे फसल उत्पादन में कोई भी दिक्कत ना आए. सरकार के अलावा कई स्टार्टअप (Agri Start Up) भी आज पॉलीहाउस, ग्रीनहाउस, लो टनल जैसी सुविधाएं किसानों को प्रदान कर रहे हैं.


हाल ही में इस तकनीक से जुड़े एक एग्री स्टार्टअप Kheyti को विश्व प्रसिद्ध अर्थशॉट अवॉर्ड दिया गया है, जिसे इको ऑस्कर अवार्ड भी कहते हैं.आपको बता दें कि एग्रीकल्चर स्टार्टअप Kheyti सिर्फ 5 एकड़ या उससे कम जमीन वाले किसानों को ही ग्रीनहाउस तकनीक मुहैया करवाता है. 


ग्रीनहाउस-इन-ए-बॉक्स
साल 2016 में Kheyti एग्री स्टार्टअप को कौशिक ने अपने तीन साथियों सत्य रघु, सौम्या और आयुष शर्मा के साथ  शुरू किया था. उस समय Kheyti स्टार्ट का टर्नओवर 5 करोड़ रुपये था, जो आज 5 साल बाद 7 करोड़ पहुंचने वाला है. इस स्टार्टअप का मिशन है छोटे किसानों को सस्ते दामों पर ग्रीन हाउस तकनीक से जोड़ना, जिससे कम खर्च में ही मौसम की मार से सुरक्षा प्रदान की जा सके.


Kheyti स्टार्टअप 5 एकड़ से कम जमीन वाले छोटे किसानों को ही अपनी सुविधाएं मुहैया करवाता है. एक अनुमान के मुताबिक, भारत में ऐसे किसानों की संख्या करीब 10 करोड़ है, जो आज भी मौसम की अनिश्चितताओं के कारण काफी नुकसान झेलते हैं.


Kheyti कृषि स्टार्टअप ने ग्रीन हाउस इन आप बॉक्स नामक प्रोडक्ट निकाला है, जो असल में एक ग्रीन हाउस ढांचा है. इसमें फूल, फल और सब्जियों को आसानी से उगाया जा सकता है, हालांकि पिछले कई सालों से भारत में यह तकनीक कारगर साबित हो रही है.


इस ढांचे में ना सिर्फ तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है, बल्कि बेमौसम बारिश, कीटों का प्रकोप और पानी की बर्बादी को भी कम कर सकते हैं, क्योंकि इस ढांचे में सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का प्रयोग होता है.


कैसे काम करती है कि टेक्नोलॉजी 
Your Story की रिपोर्ट में Kheyti स्टार्टअप के फाउंडर कौशिक बताते हैं कि शुरुआत में यह तकनीक काफी काफी महंगी थी, लेकिन अब इसे किसानों को 80 फ़ीसदी तक सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है.


इतना ही नहीं, किसानों को इस तकनीक से जोड़ने के लिए ट्रेनिंग भी दी जाती है. इसके अलावा, Kheyti एग्री स्टार्टअप किसानों को खेती से जुड़ी दूसरी तकनीकी गाइडेंस भी प्रदान करता है, जिसमें मिट्टी और जलवायु के अनुसार फसल का चयन बीजों की खरीद और उपज की मार्केटिंग तक की जानकारी शामिल है.


स्टार्टअप से जुड़े एक्सपर्ट किसानों को फसल उगाने का सबसे टिकाऊ तरीका बताते हैं. इसके अलावा, किसानों के लिए समय-समय पर एडवाइजरी भी जारी की जाती है.


Kheyti स्टार्टअप किसानों को ग्रीन हाउस तकनीक बेचकर पैसा कमाता है, जो 15 सालों तक चलती है. इस बीच संरक्षित ढांचे को बेहतर बनाने के लिए खेती के एग्री स्टार्टअप के जरिए कुछ इक्विपमेंट्स भी किसानों को उपलब्ध करवाए जाते हैं.


80 फ़ीसदी तक सस्ता कर दिया ग्रीन हाउस 
आपको बता दें कि Kheyti एग्री स्टार्टअप ने करीब 4 लाख रुपये में ग्रीन हाउस तकनीक किसानों को बेचना शुरू किया था, लेकिन आज 5 साल बाद इसकी लागत को 80 फीसदी घटा कर 65,000 तक लाया गया है.


Kheyti का फ्यूचर प्लान 2 से 3 सालों में ग्रीन हाउस तकनीक को 20,000 से 30,000 रुपये में उपलब्ध करवाने का है, हालांकि इस काम में सरकार और एनजीओ की मदद लेने की पूरी कोशिश चल रही है.


Kheyti एग्री स्टार्टअप फिल्हाल ग्रीन हाउस की तकनीक को और एडवांस बनाने की कवायद कर रहा है. इससे मूवेबल बनाया जा रहा है, जिससे अलग-अलग जगह पर आसानी से शिफ्ट किया जा सके. आज Kheyti की पहुंच 1300 किसानों तक है, जिसे अगले 12 से 18 महीने में 10,000 किसान और अगले 10 साल में 10 लाख किसानों तक ले जाने का प्लान है.


यूं ही नहीं मिली सफलता 
देश में 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत मिशन' के नारे को बुलंद किया जा रहा है. इसके लिए देश में एग्री स्टार्टअप्स और एग्रीबिजनेस को भी काफी प्रोत्साहित मिल रहा है, हालांकि किसी भी स्टार्टअप या बिजनेस को शुरू करना आसान नहीं होता.


Kheyti एग्री स्टार्ट को भी शुरुआत में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. इस स्टार्टअप का सबसे बड़ा चैलेंज था ग्रीन हाउस तकनीक के बारे में किसानों को जानकारी देना है. इसके महत्व को समझाना. इसके लिए Kheyti स्टार्टअप ने एफपीओ, एनजीओ और डीलर्स को भी अपने साथ में जोड़ा.


कई इलाकों में ट्राइल भी दिया. इसके फायदे लोगों को समझाए और आज यह स्टार्टअप ग्रीनहाउस तकनीक को सस्ता बनाने के लिए सरकार और कई एनजीओ के साथ काम भी कर रहा है.


स्टार्टअप के इन्हीं प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर का अर्थशॉट अवॉर्ड, जिसे ईको ऑस्कर भी कहते हैं. से नवाजा गया है, जिसके साथ Kheyti एग्री स्टार्टअप को करीब 1 मिलियन पाउंड की रकम भी मिली है.


आज Kheyti तेजी से ग्रो कर रहा है. कुछ दिन पहले ही 5 लाख मिलियन डॉलर का फंड भी मिला  है. जिससे ग्रीन हाउस तकनीक को किसानों तक सस्ते दामों पर पहुंचाना आसान हो जाएगा.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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