Edible Oil Import: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है. इसके बावजूद भारत में लोगों को मंहगी दरों पर खाद्य तेल खरीदना पड़ रहा है. रसोई में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख फूड ऑइल में सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला, कच्चा पामतेल (CPO) और पामोलीन तेल शामिल है, जिनकी कीमतें विदेशी बाजारों में कम है. इस मामले में एक्सपर्ट्स बताते हैं कि विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के दाम टूटने से दिल्ली में आयात होने वाले तेल- तिलहन कीमतों पर दबाव कायम हो गया है.


इस हलचल से अब ग्राहक को इसलिए राहत नहीं मिल रही, क्योंकि सरकार ने तेल के आयात को लेकर कोटा प्राणली को अपनाया है. ये कोटा प्रणाली लागू होने के कारण खाद्य तेलों का आयात ठप्प हो गया है. अब आयात कम है तो बाजार में आपूर्ति भी कम है, जिसके चलते सूरजमुखी और सोयाबीन के तेल की कीमतें भी मजबूत हुई हैं. यही वजह है कि अब लोगों को तमाम आयातित खाद्य तेल मंहगी दरों पर खरीदने पड़ रहे हैं.


मंहगा हुआ सोयाबीन-पामोलीन ऑइल
एक्सपर्ट् ने यह भी बताया कि पिछले साल सोयाबीन और पामोलीन के भाव में 10 से 12 रुपये का अंतर होता था, लेकिन इस साल उछाल के साथ यह अंतर बढ़कर 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है. इन दिनों पामोलीन का तेल सबसे सस्ता पड़ रहा है, जिसके मुकाबले बाकी तेलों के भाव आसमान छू रहे हैं. सर्दियों में खाद्य तेलों की अच्छी-खासी मांग होती है, बावजूद अब भारी दबाव के कारण कीमतों में अंतर देखा जा रहा है. 


छोटे उद्योगों में सुस्ती का माहौल
रिपोर्ट्स की मानें तो मंडियों में भी बिनौला के दामों में भी गिरावट देखी जा रही है, जिसके चलते अब किसानों ने बिनौला बेचना भी कम कर दिया है. इससे जिनिंग मिलों का काम भी सुस्त हो गया  है, जहां नरमा और रोई को अलग किया जाता है. इस तरह समझ सकत है कि कैसे छोटे उद्योगों के साथ-साथ कोटा प्रणाली लागू होने से किसान, ग्राहक और तेल उद्योग को परेशानी हो रही है.


क्या हैं तेलों के भाव
नई फसल की खासकर नई फसल की आवक से समीक्षाधीन सप्ताह में कई तेल-तिहनों के भाव में गिरावट दर्ज की गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली का भाव 225 रुपये टूटकर 6,585-6,645 रुपये प्रति क्विंटल पर रुका. कच्चे पाम तेल (CPO) के दाम भी 450 रुपये गिरावट के बाद 8,550 रुपये क्विंटल पर बंद हुए.



  • वहीं पामोलीन तेल का दिल्ली का भाव भी 500 रुपये टूटकर 10,300 रुपये पर रुकता दिखाई पड़ा.

  • इसके अलावा,  बिनौला तेल के दाम भी 800 रुपये टूटकर 12,600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर रुक गए. सोयाबीन के तेल की कीमतों में भी नुकसान देखा गया.

  • सोयाबीन दाने का भाव 125 रुपये गिरावट के साथ 5,675-5,775 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ.

  • वहीं लूज के भाव में 115 रुपये की हानि के बाद 5,485-5,545 रुपये प्रति क्विंटल कीमतें दर्ज की गई.

  • सरसों दादरी तेल समीक्षाधीन सप्ताहांत में सरसों के भाव में भी काफी अंतर दिखा. ये सप्ताह के अंत में 550 रुपये घटकर 14,850 रुपये प्रति क्विंटल पर काबिज हुआ.

  • इस बीच सरसों की पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतों में भी 90-90 रुपये की गिरावट दर्ज की गई.

  • जहां पक्की घानी के भाव 2,250-2,380 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए तो वहीं कच्ची घानी 2,310-2,435 रुपये टिन (15 किलो) पर रुक गई.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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