Poultry Farm Business In India: संडे हो या मंडे, रोज खाओ अंडे... कुपोषण को जड़ से खात्मा करने के लिए केंद्र सरकार का यह स्लोगन रहा है. सर्दियों का सीजन है. अंडे को पोषण युक्त और सर्दी से लड़ने वाले भोजन के तौर पर देखा जाता है. इसी का नतीजा रहता है कि गर्मी में जहां अंडा दामों के मामले में सुस्त रहता है. सर्दी होते ही इसके दाम परवान चढ़ जाते हैं. अभी सर्दियों का सीजन चल रहा है. लेकिन अंडा बाजार जनवरी के शुरूआत तक तो गर्मी बनी हुई थी. लेकिन अचानक हालात ऐसे बदले हैं कि पोल्ट्री फार्म संचालक परेशान हो गए हैं. 


600 रुपये से गिरकर 400 के आसपास पहुंचा अंडा
देश के अंडा बाजार में इन दिनों मंदी छाई हुई है. दरअसल, नेशनल ऐग कोआर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) में अंडे के दाम खुलते हैं. उसी के आधार पर देश में अंडों की बिक्री होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि नवंबर, दिसंबर और जनवरी के शुरूआत में अंडे के दाम 600 रुपये को भी पार कर गए थे. अब वो गिरकर 400 रुपये प्रति 100 के पास पहुंच गए हैं. अंडा बाजार में आई मंदी से पोल्ट्री फार्म संचालक परेशान हो गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अंडे की कीमत कुछ दिन पहले तक 590 रुपये प्रति 100 के आसपास थी, जोकि अब घटकर 450 से नीचे आ गई है. 


नवंबर, दिसंबर अच्छे गुजरे
मुर्गी पालन के जानकारों का कहना है कि नवंबर, दिसंबर में अंडा बाजार की सेहत बहुत बढ़िया रही. पहली बार अंडे के दाम 600 रुपये प्रति सौ के पार कर गए. 4 से 5 रुपये में बिकने वाला अंडा 6 रुपये से अधिक कीमत पर बिकना शुरू हो गया है. कमाई बढ़ गई. लेकिन जैसे जैसे जनवरी गुजरी, अंडे के दामों की हालत खस्ता होने लगी. 


इन मंडियों में अंडा का बुरा हाल 
एनईसीसी के अंडा मार्केट के रिपोर्ट कार्ड को देखें तो करीब 12 दिन पहले तक देश की बड़ी मंडी बरवाला, हरियाणा में अंडा 571 रुपये प्रति 100 के हिसाब से बिका. बाद में इसके दाम तेजी से टूटना शुरू हो गए. 15 दिन में ही अंडे के दामों में 150 रुपये से अधिक की कमी आ गई. जो अंडा 571 पर बिक रहा था. वह सवा 4 सौ रुपये पर आंकर टिक गया. अब वही अंडा 410 के आसपास बिक रहा है. तमिलनाडु की नमक्कल मंडी में अंडा 565 रुपये प्रति सौ तक पहुंच गया. वहीं अब इसकी कीमत 430 रुपये के आसपास है. 


इसलिए भी बढ़ गए थे अंडे के दाम
जानकारों का कहना है कि नवंबर, दिसंबर में आई अंडे के दामों में उछाल के पीछे वजह भी है. दरअसल, भारत से मलेशिया को 15 मिलियन अंडे एक्सपोर्ट किए गए थे. इतनी भारी मात्रा में अंडे एक्सपोर्ट करने के कारण एकाएक अंडे की कीमत में उछाल आ गया. दरअसल, भारत में खपत के सापेक्ष मांग में बढ़ोत्तरी हो गई. इसका असर अंडे की कीमतों पर पड़ा. अब देश में खपत उतनी ही बनी है, जबकि आपूर्ति बढ़ गई है. इसी कारण अंडे की कीमतें कम हो गई हैं.  



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.




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