Al Neno Effects: रबी सीजन की फसल कटकर मंडी पहुंच चुकी है. थोड़ी बहुत जो फसल रह गई है. उसका कटान लगातार जारी है. ऐसे में किसानों ने अब खरीफ सीजन को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. वहीं खेतों में बीजों की उपलब्धता और बुवाई संबंधी सभी मामलों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के स्तर से तैयारी चल रही है. ऐसे में खेतों में बुवाई को लेकर किसी तरह का संकट न होने पाए.
अलनीनो का हो सकता है प्रभाव
वहीं इस साल देश में अलनीनो का प्रभाव भी देखने को मिल सकता है. प्रशांत महासागर में पेरू के निकट समुद्री तट के गर्म होने की घटना को अल-नीनो कहा जाता है. इसे ऐसे समझ लीजिए कि समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में जो बदलाव देखने को मिलते हैं. उस समुद्री घटना को अल नीनो का नाम दिया गया है. सामान्य बदलाव होता है तो समुद्र का तापमान 2 से 3 डिग्री तक बढ़ता है, जबकि अधिक अल नीनो का प्रभाव दिखता है तो तापमान 4-5 डिग्री या इससे और अधिक बढ़ सकता है. अल नीनो का असर दुनिया भर में देखने को मिलता है. इससे कई जगह सूखा, लू जैसे हालात तो कई जगह बारिश होने की संभावना अधिक रहती है.
किसानों को मिले खरीफ बीज
केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि मौसम की वजह से होने वाली खबर स्थिति को लेकर राज्य सरकार हर लेवल पर तैयार रहें. कम बारिश होने की दशा में राज्यों में किसानों के लिए बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. राज्यों में बीज उपलब्धता देखने, सिंचाई का मूल्यांकन करने के लिए कहा है. इसी आधार ओर किसानों की मदद की सकेगी.
किसानों की इनकम बढ़ाने पर हो जोर
खरीफ बुवाई सत्र 2023-24 को लेकर केंद्र सरकार तैयारी कर रही है. इसको लेकर हाल में एक सम्मेलन का आयोजन भी किया गया. सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि राज्यों को कृषि क्षेत्र में कच्चे माल की लागत में कटौती, उत्पादन और किसानों की इनकम बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दिया जाए. किसानों को गारंटीशुदा लाभ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.