Electric Connection For Irrigation: खेतों के लिए बिजली सप्लाई बेहतर करने और किसानों की निर्भरता डीजल पर कम करने के लिए बिहार सरकार ने कदम उठाए हैं. अब किसान जहां चाहेगा, वहां पर बिजली का कनेक्शन ले लेगा. उन्हें सिंचाई करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. किसी भी समय ट्यूबवेल चालू कर सिंचाई कर सकते हैं. बिहार सरकार ने इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया है.  सरकार के इस निर्णय से किसान खुश हैं. किसानों का कहना है कि बिजली न होने से सिंचाई करने में बड़ी दिक्कत आती थी. डीजल से सिंचाई करना खासा महंगा हो गया था. अब कोई दिक्कत नहीं होगी.


15 हजार फीडर लगेंगे
Bihar Government की कोशिश है कि किसान को हर समय बिजली मिले. इसके लिए रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत कृषि फीडर का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद फीडर तैयार करने पर काम शुरू हो जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक स्टेट में करीब 15,000 से अधिक फीडर तैयार किए जाएंगे. जैसे ही सारे फीडर पर काम हो जाएगा योजना का क्रियान्वयन कर दिया जाएगा.


ऑन डिमांड मिलेगा कनेक्शन
इस योजना की विशेषता यह है कि किसान को ऑन डिमांड कनेक्शन दिया जाएगा. यानि जब किसान कनेक्शन के लिए आवेदन करेगा, तुरंत ही तय समय पर किसान को कनेक्शन दे दिया जाएगा. अभी तक किसान को कनेक्शन पाने के लिए डिपार्टमेंट में भटकना पड़ता है. एक कनेक्शन पाने में ही कई दिन या फिर कई महीने तक लग जाते हैं.


केंद्र 60%, स्टेट 40% करेगा खर्च
इस योजना पर केंद्र और स्टेट गवर्नमेंट दोनों ही खर्च करेंगे. सेंट्रल गवर्नमेंट 60 परसेंट, जबकि स्टेट गवर्नमेंट 40 परसेंट धनराशि खर्च करेगी. इस पूरे बजट से ही योजना को चलाया जाएगा. अभी तक बिहार में मुख्यमंत्री कृषि संबंधी योजना से किसानों को बिजली कनेक्शन मिल रहा है. इस योजना से 70000 लोगों को बिजली कनेक्शन देने का टारगेट तय किया गया था. लेकिन अभी तक 55000 किसानों को कनेक्शन दिए गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि अभी तक बिजली जाने पर किसान डीजल से जनरेटर चलाकर सिंचाई करते थे. यह काफी महंगा होता था. किसान की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ता था. लेकिन अब इस योजना के बाद डीजल की जरूरत नहीं पड़ेगी. किसानों का अतिरिक्त खर्चा भी नहीं होगा.


 



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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.