Pesticide Spray in Paddy Crop: खरीफ फसल चक्र (Kharif Crop Cycle) के दौरान देश के ज्यादातर किसानों ने अपने खेतों में धान की फसल (Paddy Crop)लगाई है, जिसमें प्रबंधन कार्य (Crop Management) तेजी से किये जा रहे हैं. बारिश के बाद अब फसलों पर कीट-रोगों का खतरा मंडरा रहा है, जिसकी रोकथाम करना बेहद जरूरी है. बात करें धान के संक्रमणों की तो तना छेदक, पीला तना छेदक, स्किरपोफागा इनसर्टुलास जैसे कई रोग पुराने समय ही फसल पर हावी रहते हैं. इन बीमारियों के कारण फसल की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता ही है, साथ ही संक्रमण बढ़ने पर फसलें खराब होने का खतरा भी बढ़ जाता है.


इसके समाधान के लिये पुराने उपाय नहीं, बल्कि आधुनिक ड्राई कैप तकनीक (Dry Cap Technique for Pest Control) ज्यादा असरकारी साबित हो सकती है. बता दें कि इस तकनीक के तहत इकोफ्रेंडली कीटनााशक ब्लैक बेल्ट (Eco friendly Pesticide) भी लॉन्च किया गया है, जिससे कीटों की रोकथाम करना और भी आसान और सुरक्षित हो जायेगा.


इस तरह करें इस्तेमाल 
ड्राई कैप तकनीक के तहत लॉन्च किया गया ब्लैकबेल्ट प्रॉडक्ट धान की फसल के लिये सुरक्षा कवच का काम करती है. प्रति एकड़ फसल में कीट नियंत्रण के लिये इसकी 270 से 300 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर फसल के कीट-रोग प्रभावित हिस्सों पर छिड़काव करना चाहिये.



कैसे काम करती है ब्लैकबेल्ट
दरसअल ड्राई कैप तकनीक का ये कीटनाशक एक व्यापक स्पेक्ट्रम का है जो फसलों पर छिड़काव के बाद कीट-रोगों को नष्ट करने के लिये फुर्ती से रिएक्ट करता है. खासकर लंबी अवधि वाली धान की फसल के लिये पहले ही छिड़काव से फायदा नजर आने लगता है. 


इंवायरमेंट फ्रेंडली प्रॉडक्ट
रासायनिक कीटनाशकों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण धरती अपनी शक्ति और फसलें अपनी क्वालिटी खोती जा रही है. ऐसे में ब्लैकबेल्ट किसानों के लिये किसी वरदान से कम नहीं है. ये कीट-रोगों के खिलाफ फसलों के ऊपर सुरक्षा शील्ड तो बनाता ही है, साथ में पर्यावरण के लिये भी पूरी तरह सुरक्षित है, क्योंकि इस कीटनाशक से कोई नुकसान और कोई कचरा नहीं फैलता, बल्कि इससे कम समय में बेहतर कीट प्रबंधन हो जाता है.


भारत में चावल की खेती
भारत ने धान यानी चावल की खेती (Rice Farming) के क्षेत्र में बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया है. यहां सिर्फ चावल उगाया ही नहीं जाता, बल्कि निर्यात (Rice Export) भी किया जाता है. यहां की उपजाऊ मिट्टी और पर्यावरण प्रेमी समाधानों (Eco Friendly Crop Management) के चलते प्रति एकड़ उपज और उत्पादन का आंकड़ा काफी अच्छा है, लेकिन जलवायु परिवर्तन (Climate Change in Agriculture)  के कारण कीट-रोग के प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इसकी रोकथाम के लिये कई किसान कैमिकल पेस्टीसाइट (Chemical Pesticides) का इस्तेमाल नहीं करना चाहते. ऐसी स्थिति में ड्राई कैप तकनीक (Pesticide of Dry Cap Technique) से बना ये कीटनाशक फसलों को सुरक्षा और किसानों के हितों की रक्षा करने में सक्षम है.



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


इसे भी पढ़ें:-


Vegetable Farming: सिर्फ यहां मिलेगा सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने का सीक्रेट, किसान अपने खेतों में जरूर आजमायें


Gaumutra Spray: खेती और किसानों के बीच फेमस हो रहा है गौमूत्र, इस तरह बढ़ती है किसानों की आमदनी