Sugarcane mill: उत्तर प्रदेश में 28 अक्टूबर यानि आज से पेराई सत्र शुरू हो गया है. पश्चिमी यूपी की अधिकांश मिलों में शुक्रवार से पेराई शुरू कर दी गई है. इस बार राज्य में बंपर गन्ना प्रोडक्शन की उम्मीद है. प्रदेश सरकार ने भी गन्ना प्रोडक्शन, चीनी प्रोडक्शन के आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं. प्रदेश सरकार ने किसानों को भी आश्वस्त किया है कि किसानों को जो भी गन्ना बकाया है, उसका भुगतान तय समय पर कर दिया जाएगा. इसके लिए किसानों को चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.


ये है पेराई की स्थिति


राज्य सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, शुक्रवार को मुजफ्फरनगर की खाईखेड़ी, बिजनौर की अफजलगढ़, धामपुर, बरकातपुर और कुंदकी मिलों में पेराई शुरू कर दी गई है. 


यहां बनेगा एथेनॉल


इस बार एथेनॉल बनाने में शीरे का अधिक यूज किया जाएगा. राज्य में पिछले साल की तुलना में चीनी कम बनेगी. प्रदेश की पांच चीनी मिल धामपुर, द्वारिकेश, मेजापुर, फरीदपुर और बरकातपुर में इस बार सीधे गन्ने के जूस से एथेनॉल बनाया जाएगा. 71 चीनी मिलें शीरे से एथेनॉल बनाएंगी. एक महीना पेराई पिछड़ने के कारण सभी 120 चीनी मिलों के प्लांट अधिक क्षमता से चलाए जाएंगे. 


प्रदेश में ये रहेगी प्रोडक्शन की स्थिति 


वर्ष 2022-23 पेराई सत्र में कुल गन्ना क्षेत्रफल 28.53 लाख हेक्टेयर है. पिछले साल के मुकाबले 84 हजार हेक्टेयर बढ़ गया है. इस बार प्रदेश में गन्ने का उत्पादन 2350 लाख टन होेने का अनुमान है. चीनी का प्रॉडक्शन 110 लाख टन होना अनुमानित है. कुल एथेनॉल का प्रॉडक्शन 200 करोड़ लीटर होगा. 


स्टेट में इतनी चीनी मिलें और डिस्टलरियां


उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों की कुल संख्या 120 हैं. इनमें सहकारी चीनी मिल 24 हैं. चीनी निगम मिलों की संख्या 3, निजी चीनी मिल 97, डिस्टलरियां की संख्या 97 हैं.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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