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Best Brinjal Variety: सैंकड़ों क्विंटल प्रति एकड़ का भारी उत्पादन देगा सहाबहार बैंगन, हर मौसम में मिलेगा बंपर मुनाफा
Sadabahar Brinjal: जलवायु परिवर्तन या दूसरी अनिश्चितताओं के कारण फसल में कीट-रोग का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में सदाबहार बैंगन के रोगप्रतिरोधी बीज किसानों को स्वस्थ उत्पादन लेने में मदद करेंगे.
![Best Brinjal Variety: सैंकड़ों क्विंटल प्रति एकड़ का भारी उत्पादन देगा सहाबहार बैंगन, हर मौसम में मिलेगा बंपर मुनाफा Evergreen sadabahar variety of brinjal will help to get huge production & profitable income Best Brinjal Variety: सैंकड़ों क्विंटल प्रति एकड़ का भारी उत्पादन देगा सहाबहार बैंगन, हर मौसम में मिलेगा बंपर मुनाफा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/09/e3c10351c9c6858612241fae2a560af41660052264649455_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Disease Resisitance Variety of Brinjal: बरसात में बैंगन की खेती (Brinjal Cultivation) बड़े पैमाने पर की जाती है. इस समय बीजों का अंकुरण और पौधों की बढ़वार तेजी से होती है, लेकिन फसल से अच्छा उत्पादन लेने के साथ-साथ उसे रोगमुक्त रखना भी जरूरी है. इसके लिये बिहार कृषि विश्वविद्यालय (Bihar Agriculture University) के वैज्ञानिकों ने बैंगन की बंपर उत्पादन (Brinjal Production) देने वाली रोगरोधी किस्म (Disease Resistance Brinjal) विकसित की है. इस किस्म की खास बात यह है कि सर्दी से लेकर गर्मी तक किसी भी मौसम में इसके बीज लगाकर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.
इतना ही नहीं, 42 डिग्री तापमान में भीषण गर्मी के बीच इसके पौधे खूब फलते-फूलते हैं. इन्हीं खूबियों के चलते इस किस्म का नाम सदाबहार (Evergreen Brinjal) रखा गया है.
बिहार के किसानों का मसीहा सदाबहार बैंगन (Sadabahar Brinjal for Bihar Farmers)
सदाबहार बैंगन की खेती करके बिहार के कई किसानों की आमदनी में बढोत्तरी हुई है. बैंगन की इस वैज्ञानिक किस्म ने उत्पादन के मामले में देश में तीसरा नंबर काबिज किया है, जिससे बैंगन की कुल खपत का 9% फीसदी उत्पादन ले सकते हैं.
- इस बैंगन के फल हरी धारियों से सजे होते हैं, जिनका वजन औसतन 85 से 88 ग्राम तक होता है. इतना ही नहीं, सदाबहार बैंगन के सिर्फ एक ही पौधे से 23 से 26 फलों का उत्पादन ले सकते हैं, जो साधारण की तुलना में काफी अधिक है.
- अकेले सर्दियों के मौसम में सहाबहार बैंगन से 70 क्विंटल तक उत्पादन होता है, लेकिन असलियत में प्रति हेक्टेयर खेत से किसान 197 क्विटल प्रति हेक्टेयर उपज भी ले सकते हैं.
- कृषि विशेषज्ञों की मानें तो खेती की सही तकनीक, समय, मिट्टी और सही जलवायु में सदाबहार बैंगन उगाकर 440 से 480 क्विटल तक उत्पादन ले सकते हैं.
दूर होगा कीड़े लगने का खतरा (Disease Resistant Variety)
जाहिर है कि बैंगन की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान फलों में कीडे और बीमारियां लगने से ही होता है. कुछ इलाके ऐसे भी हैं, जहां जलवायु परिवर्तन (Climate Change) या दूसरी अनिश्चितताओं के कारण फसल में कीड़े और बीमारियों का खतरा लगा ही रहता है. ऐसी स्थिति में सदाबहार बैंगन (Evergreen Brinjal) के रोगप्रतिरोधी बीज किसानों को स्वस्थ उत्पादन लेने में मदद करेंगे.
कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक सदाहबार बैंगन में फल रोग और तना छेदक जैसे कीट-रोगों की संभावनायें नहीं रहती है. इस किस्म के फलों में बीज भी कम ही लगते हैं, लेकिन इसका स्वाद बाकी किस्मों को भी मात दे रहा है. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर सदाबहार बैंगन (Evergreen Brinjal) में अतिरिक्त विटामिन भी मौजूद होते हैं, जो किसानों को क्वालिटी उत्पादन (Quality Production of Brinjal) के साथ-साथ अच्छी कीमतें वसूलने में भी मदद करते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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