Exotic Fruits Cultivation: इस फल की खेती है फायदे का सौदा, पहले सरकार देती है 70 हजार, फिर कमाई अलग
Dragon Fruits Farming: अगर इस खेती के बारे में नहीं जानते तो चिंता की कोई बात नहीं, क्योंकि बागवानी विभाग किसानों को 70,000 रुपये/एकड़ के अनुदान के साथ ट्रेनिंग और मार्केटिंग में भी मदद करता है.
Dragon Fruits Farming Subsidy: देश में बागवानी फसलों का चलन बढ़ता जा रहा है. पारंपरिक फसलों से अधिक मुनाफा कमाने के लिए अब ज्यादातर किसान फल, सब्जी, औषधी और फूल की खेत की तरफ बढ़ रहे हैं. इन दिनों एक फल सबसे ज्यादा फेमस हो रहा है. नाम है ड्रैगन फ्रूट. एक्सपर्ट्स बताते है कि कम पानी वाले सूखाग्रस्त इलाकों में भी ड्रैगन की खेती वरदान है. इन दिनों ड्रैगन फ्रूट को कम लागत में बंपर मुनाफा देने वाले फल के तौर पर जानने लगे हैं. पिछले कुछ सालों में इसने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का भी काम किया है.
मशहूर हो रहा ड्रैगन फ्रूट
अब विदेशों से पढ़ाई करके लौट रहे किसान पुत्र, युवा या प्रोफेशनल डिग्रीधारक भी इससे मुनाफा कमाने का तरीका समझ चुके हैं. तभी तो साल दर साल ड्रैगन फ्रूट का रकबा बढ़ता जा रहा है. इन दिनों से फल अंबाला के किसानों का भी फेवरेट बन चुका है. रिपोर्ट्स की मानें तो अंबाला के करीब आधार दर्जन किसान आज ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. आप भी इसकी खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, जिसके लिए राज्य सरकार ने सब्सिडी योजना भी चलाई है. अब किसान को इसका लाभ कैसे मिलेगा, इस आर्टिकल में यह भी बताया जा रहा है.
परंपरागत खेती से ज्यादा मुनाफा
ड्रैगन फ्रूट को एक्जोटिक फ्रूट्स यानी विदेशी फलों की श्रेणी में रखा गया है, जिसकी खेती करके पंरपरागत खेती से अधिक मुनाफा कमा सकते है. दरसअल, गेहूं, धान, मक्का, गन्ना, सरसों जैसी फसलों की खेती के लिए मिट्टी और जलवायु अनुकूल होनी चाहिए, लेकिन ड्रैगन फ्रूट की फसल अपने आप को मौसम और मिट्टी के हिसाब से ढाल लेती है. यही वजह है कि पारंपरिक फसलों में नुकसान झेलने के बाद यूपी, हरियाणा और पंजाब के कई किसान तेजी से ड्रैगन फ्रूट की खेती की तरफ रुख कर रहे हैं.
इस विदेशी फल की डिमांड देश-विदेश में काफी है, जिसका फायदा किसानों को मिलता है. ड्रैगन फ्रूट की उपज के अच्छे दाम मिलते हैं. इसके अलावा, ड्रैगन फ्रूट की खेती की शुरुआती लागत को कम करने के लिए हरियाणा कृषि विभाग की तरफ से आर्थिक सहायता भी दी जा रही है.
क्यों खास है ड्रैगन फ्रूट
बहुत ही कम लोग जानते हैं कि ड्रैगन फ्रूट भी कैक्टस प्रजाति का पौधा है, जिसे बढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होती है. ये ऊपर से गुलाबी, लाल और पीले रंग का होता है. वहीं इसके अंदर तरबूज की तरह काले बीज होते हैं. मीठा स्वाद, अलग बनावट और सेहत के लिए फायदेमंद इस फल की खेती के लिए एक बार ही पौधों की रोपाई की जाती है, जिसके बाद दो दशकों तक फलों का बंपर उत्पादन लेकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं. साधारण मंडी में ड्रैगन फ्रूट ना बिकने पर ई-नाम पर वाजिब कीमतें हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा, अच्छी क्वालिटी का प्रॉडक्शन लिया है तो विदेशों में निर्यात करने की संभावना भी बढ़ जाती है.
ड्रैगन फ्रूट के फायदे
विटमिन सी, आयरन, फाइबर्स, एंटी ऑक्सिडेंट्स और फाइबर्स से भी भरपूर ड्रैगन फ्रूट का सेवन करके कैंसर और हृदय रोग का खतरा कम कर सकते हैं. इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन और लायकोपीन शरीर की रोगप्रतिरोधी क्षमता बढ़ाते हैं, जिसके चलते यह फल गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए भी फायदेमंद है. ड्रैगन फ्रूट की खेती को इन दिनों एग्री बिजनेस से जोड़कर देखा जा रहा है.
इसकी खेती के साथ-साथ अब किसान खुद ही पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट कर सकते हैं यानी इसकी ग्रेडिंग, पैकेजिंग, लेवलिंग करके मार्केटिंग कर सकते हैं. चाहें तो डबल पैसा कमाने के लिए ड्रैगन फ्रूट के प्रोसेस्ड प्रोडक्ट्स बनाकर भी ऑनलाइन मार्केट में बेच सकते हैं. इस सब के लिए ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन बढ़ाकर क्वालिटी पर फोकस करना होगा. इस काम में किसानों की मदद करने के लिए सरकार आर्थिक मदद भी देती है.
आर्थिक सहायता के साथ ट्रेनिंग देगी सरकार
ड्रैगन फ्रूट की खेती के लेकर मार्केटिंग में सरकार किसानों को आगे आकर मदद करती है. रिपोर्ट्स की मानें को हरियाणा का बागवानी विभाग ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए 70,000 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान देता है. ड्रैगन फ्रूट समेत दूसरे फलदार पौधे खरीदने के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से भी मदद दी जाती है. अगर ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में नहीं जानते तो चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि बागवानी विभाग की तरफ से किसानों को ट्रेनिंग से लेकर मार्केटिंग तक में मदद दी जाती है.
सबसे अच्छी बात यह भी है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती में नुकसान की संभावनाएं काफी कम है. ना तो इस फसल को पशु खाते हैं और ना ही कीट-रोग लगने का कोई खतरा होता है. अगर आपके इलाके में पानी की कमी है तो भी कम मेहनत में ड्रैगन फ्रूट की फसल से भरपूर उत्पादन ले सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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