Kashmiri Kesar: केसर दुनिया का सबसे महंगा मसाला है, जिसकी खेती अफ़गानिस्तान, चीन, पुर्तगाल और ईरान आदि देशों में की जाती है. भारत भी केसर का प्रमुख उत्पादक देश है. यहां का कश्मीरी केसर पूरी दुनिया में मशहूर है. इस केसर का इस्तेमाल मिठाइयों से लेकर खानपान के दूसरे व्यंजनों में भी किया जाता है. वैसे तो कई देशों ने केसर को मेवों की श्रेणी में शामिल किया है, लेकिन भारत में से मसाले का दर्जा मिला है, जो काफी महंगे दामों पर बिकता है, हालांकि केसर के बढ़ते दामों के पीछे इसकी क्वालिटी भी काफी मायने रखती है. इन दिनों क्वालिटी और दाम का असली अंतर दिल्ली की सबसे बड़ी मेवा मंडी खरी बावली में देखने को मिल रहा है.


यहां विश्व प्रसिद्ध ईरानी केसर आधे दाम पर बिक रहा है. जहां कश्मीरी केसर की कीमत 2500 से  3000 रुपये प्रति 10 ग्राम है. वही ईरानी केसर 1300 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव बिक रहा है.


क्या फर्क है ईरानी केसर में 
जानकार बताते हैं कि खरी बाबरी में बिकने वाला ईरानी केसर ही इन दिनों कश्मीरी केसर से आधे दामों पर बिक रहा है. यहां फर्क सिर्फ रेट का नहीं है, क्वालिटी का भी है. एक्सपर्ट बताते हैं कि ईरान के केसर के मुकाबले कश्मीरी केसर की क्वालिटी काफी अच्छी होती है. इन दोनों वैरायटी के केसर को उगाने का तरीका एकदम अलग है. साथ ही खेती के क्षेत्रफल में भी काफी अंतर है, जिसका सीधा असर इसके दामों पर दिखाई दे रहा है.


कैसे हो रही है खेती 
एक्सपर्ट की मानें तो कश्मीर की वादियों में उगने वाला केसर को एकदम ऑर्गेनिक प्रोसेस से तैयार किया जाता है. इसकी खेती बेशक बहुत ही कम क्षेत्रफल में होती है, लेकिन इस दौरान किसी भी तरह के कैमिकल का इस्तेमाल नहीं होता.


पूरी जैविक विधि से तैयार होने के कारण कश्मीरी केसर की कीमतें भी अधिक होती हैं. इसी के विपरीत ईरानी केसर की खेती में पेस्टिसाइड और फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल किया जाता है.


इसकी खेती पहले से ही बड़े रकबे में होती है और इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए रसयानों का इस्तेमाल होता है, जिससे इसकी क्वालिटी में काफी अंतर देखने को मिलता है. अब दवाएं बनाने के लिए ऑर्गेनिक केसर की जरूरत होती है, इसलिए कीमत चाहे जो हो कश्मीरी केसर की बिक्री हाथों-हाथ हो जाती है.


क्यों खास है कश्मीरी केसर 
एक्सपर्ट बताते हैं कि कश्मीरी केसर ऑर्गेनिक विधि से उगाया जाता है. कश्मीर की वादियों में उगाए जा रहे केसर के फूल या पौधे में किसी भी तरह की कीटों का प्रकोप नहीं होता. ऐसी परिस्थितियों में जैविक विधि से ही प्रबंधन किया जाता है.


चाहे फसल खराब क्यों ना हो जाए, लेकिन किसी भी हालत में केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता. इससे मिट्टी खराब होने का डर बना रहता है. यही वजह है कि ऑनलाइन मार्केट में कश्मीर केसर 2500 से 3000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव भी बिक जाती है.


ईरानी केसर को बेचने के लिए अब व्यापारियों ने नए तिकड़म आजमाना चालू कर दिया है. कई जगहों पर ईरानी केसर पर कश्मीरी केसर का टैग लगा कर सस्ते दाम पर बेच रहे हैं. जानकारों की मानें तो कश्मीरी केसर की शक्ल में ईरानी केसर अब 1300 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव यानी लगभग आधे दाम पर बिक रहा है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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