भारत कृषि प्रधान देश है, क्योंकि यहां पर ज्यादातर लोग कृषि कार्यों से जुड़े हुए हैं. लेकिन खेती में सबसे बड़ी समस्या बिजली की होती है, क्योंकि बिजली की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के कारण किसान भाई खेती के समय परेशान होते हैं. लेकिन सोलर पंप के कारण आज के वक्त किसानों को आसानी से कम लागत में पानी मिल जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि सोलर पंप किस तरीके से काम करता है और ये कितना प्रभावी है. 


सोलर पंप


खेती में सिचांई सबसे जरूरी होता है. समय से सिंचाई नहीं होने के कारण भी किसान भाईयों की खेती की फसल खराब हो जाती है. वहीं पंपसेट के जरिए सिंचाई करने से लागत बहुत अधिक आती है, क्योंकि पंपसेट में डीजल की जरूरत पड़ती है. वहीं सोलर पंप एक ऐसा साधन है, जिससे किसान भाइयों को बिजली बिल से राहत मिलती है. इतना ही नहीं ये पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होता है. आज के समय सरकार की कई योजनाओं के तहत किसानों को सोलर पंप लगवाने के लिए सब्सिडी दी जाती है. हालांकि इसकी लागत खेती में सिंचाई की जरूरतों, खेत की मिट्टी की प्रकृति और सोलर पंप की क्षमता पर निर्भर करता है. 


सरकारी योजनाएं


इसके अलावा सोलर पंप लगवाने के लिए आप सरकार की योजनाओं का भी लाभ उठा सकते हैं. सरकार कई योजनाओं के तहत किसानों को सोलर पंप लगवाने के लिए सब्सिडी भी देती है. इसमें से एक कुसुम योजना भी है. इस योजना के तहत किसानों को सोलर पंप लगवाने के लिए 60% की सब्सिडी दी जाती है. ये पंप किसानों के अलावा पंचायतों और सहकारी समितियों को भी मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते हैं. इसके अलावा सरकार खेतों के आसपास सोलर पंप संयंत्रों की स्थापना के लिए लागत का 30 प्रतिशत तक लोन देती है. यही कारण है कि किसानों को इस परियोजना पर केवल दस प्रतिशत खर्च करना होता है. इस योजना से किसानों की सिंचाई की समस्या हल हो सकती है. क्योंकि किसानों भाईयों को बिजली या डीजल पंपों से सिंचाई करने पर अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है. इसलिए सोलर पंप लगाकर किसान भाई बहुत कम लागत में अपने खेतों में सिंचाई कर सकते हैं.


कैसे मिलेगा योजना का लाभ 


योजना का लाभ उठाने के लिए किसान भाईयों के पास कुछ जरूरी डाक्यूमेंट्स होना चाहिए. जिसमें किसान भाई का आधार कार्ड,किसान का राशन कार्ड,किसान की बैंक अकाउंट डिटेल्स होना चाहिए. 


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