Loan Scheme: किसानों की इकॉनोमिक कंडीशन सुधारने के लिए केंद्र व सभी स्टेट गवर्नमेंट कदम उठा रही हैं. किसानों को सब्सिडी पर एग्रीकल्चर उपकरण मुहैया कराए जा रहे हैं. साथ ही प्रदेश सरकार की आरे से किसान क्रेडिट कार्ड भी उन्हें आर्थिक मदद के लिए जा रहे हैं. सरकार किसानों का लोन भी सस्ती दरों पर उपलब्ध कराती है. हर स्टेट गवर्नमेंट की कोशिश होती है कि सस्ती ब्याज दरों पर किसानों को धनराशि उपलब्ध करा दी जाए. देश में नाबार्ड ने ऐसी ही स्टडी की है, जिसमें बताया गया है कि किस स्टेट ने किसानों को धड़ाधड़ लोन दिया है. किसान भी सरकारी मदद पाने के लिए बैंकों की चौखट तक पहुंचे.


आंध्रप्रदेश ने सबसे अधिक बांटा लोन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) ने बैंकों के लोन बांटने को लेकर पिछले 10 सालों की स्टडी की. स्टडी में सामने आया कि कि आंध्रप्रदेश ने देश में सबसे अधिक किसानों को लोन दिया. देश में किसानों के लिए ऋण देने की दर सबसे अधिक है. नाबार्ड ने अध्ययन के तहत वर्ष 2011-12 से 2021-22 तक कृषि उद्योग के लिए लोन वितरण की भी जांच की.


दूसरे नंबर पर खिसका पंजाब 
स्टडी में सामने आया कि 10 साल से अधिक समय तक पंजाब इसमें शीर्ष लेवल पर रहा. आंध्र प्रदेश के अधिक लोन देने के कारण पंजाब की पॉजीशन अब दूसरे स्थान पर है. 
बैंकों से ऋण की उच्च दर प्राप्त हो सकती है. शोध के अनुसार, आंध्र प्रदेश में सरकार ने किसानों की चिंता करने हुए उन्हें हर तरह से अलग- अलग योजनाओं के माध्यम से लोन देने की कोशिश की. आंध्र प्रदेश में किसानों को पंजाब में वितरित 1 लाख प्रति हेक्टेयर के सापेक्ष 129 लाख प्रति हेक्टेयर भूमि मिली. 


साउथ इंडिया में लोगों ने लिया अधिक कर्ज
2019 की एनएसएस स्टडी के अनुसार, ग्रामीण भारत में कृषि परिवारों, भूमि और पशुधन की स्थिति का आकलन शीर्षक से स्थिति देखी गई. साउथ स्टेट में कृषि परिवारों पर अन्य राज्यों की तुलना में अधिक कर्ज रहा है. एनएसएस के अध्ययन से पता चला है कि बैंकों, सहकारी समितियों और सरकारी संगठनों ने लगभग 69.6 प्रतिशत बकाया लोन दिया. पंजाब सरकार किसानों की मदद के लिए आगे आई है. सबसे ज्यादा लोन मापफ स्टेट गवर्नमेंट ने ही किया है. पिछले साल सबसे ज्यादा कर्जा साउथ इंडिया से लोगों ने लिया. 2011 में, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल में प्रति कृषि परिवार पर अधिक लोन रहा.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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