एक एकड़ खेती से 85,000 का मुनाफा.....इस जादू के पीछे छिपा है खेती का डबल इनकम मॉडल, आप भी जानें
एमपी के सिवनी जिले के किसान सत्यापाल बघेल ने 4.5 एकड़ में फसल विविधिकरण को अपनाया है. किसान ने 2.5 एकड़ में काबुली चना की खेती करके 85,000 रुपये का मुनाफा कमाया है.
![एक एकड़ खेती से 85,000 का मुनाफा.....इस जादू के पीछे छिपा है खेती का डबल इनकम मॉडल, आप भी जानें Farmer Satyapal Baghel of Seoni district earned a profit of Rs 85000 by cultivating chickpea in 1 acre एक एकड़ खेती से 85,000 का मुनाफा.....इस जादू के पीछे छिपा है खेती का डबल इनकम मॉडल, आप भी जानें](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/04/6a79bf513e0204bbc3f1e202c155c4d51675520510945455_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Kabuli Chana: आज का दौर मल्टीटास्किंग खेती का है. किसानों की आय को दोगुना करने के लिए फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. मध्य प्रदेश के किसान भी तेजी से मिश्रित और अंतरवर्तीय खेती अपना रहे हैं. इनमें शामिल है सिवनी जिले के लखनवाड़ा विकासखंड के किसान सत्यपाल बघेल, जिनके पास कुल 4.5 एकड़ जमीन है. इसमें सत्यपाल ने फसल विविधीकरण अपनाया है. 2.5 एकड़ खेत में काबुली चने की खेती हो रही है. यह कोई आम काबुली चना नहीं है, बल्कि आकार में बड़ा, रंग में सफेद और बाहरी आवरण से चिकनाई वाला होता है. यह पूसा-3022 किस्म है, जिसका बीज किसान सत्यपाल ने पूसा दिल्ली से ही मंगवाया था.
उन्नत खेती से हजारों की कमाई
बेशक किसान सत्यपाल बघेल के पास कम जमीन है, लेकिन इस पर स्मार्ट खेती करके उन्होंने अच्छा-खासा पैसा कमाने की शानदार प्लानिंग की है. दरअसल चना की साधारण तरीके से बुवाई करने के बजाय खेत में बेड मेकर से 5 फीट चौड़ी बेड़ बनाई हैय इसके बाद उन्नत कृषि यंत्र न्यूमेटिक प्लांट से 2 कतारों में चना की बुवाई की जाती है.
इस बीच लाइन से लाइन की दूरी 1.5 फिट रखी है. इस तरह फसल का प्रबंधन करना भी आसान हो गया है. किसान सत्यपाल बघेल अब कृषि विभाग के अधिकारियों औक कृषि वैज्ञानिकों के बीच भी काफी लोकप्रिय हो गए हैं. इनके खेत पर कई अधिकारी अवलोकन करने पहुंच रहे हैं.
1 एकड़ से कमाए 96,000 रुपये
जब किसान सत्यपाल बघेल के खेत पर कृषि विभाग के अधिकारी और वैज्ञानिक पहुंचे तो उन्होंने पाया कि वह 1 एकड़ से 13-14 क्विंटल चने का उत्पादन ले सकते हैं, जिसे इंदौर मंडी में बेचने पर 96000 रुपये की आमदनी हो जाएगी. इसमें खेती की लागत को अलग कर दिया जाए तो सत्यपाल सिंह को 85,000 की शुद्ध आय होगी.
अच्छी बात यह है चना की खेती से पहले सत्यपाल सिंह ने खरीफ मक्का की खेती की थी, जिसकी जड़ों को जलाने के बजाय मल्चर की सहायता से मिट्टी में मिला लिया था. इस तरह मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा बढ़ गई और फसल का बंपर उत्पादन मिल गया.
फसल विविधीकरण से सब्जियों की खेती
4.5 एकड़ से हजारों की कमाई का मॉडल कुछ और नहीं, बल्कि फसल विविधीकरण हैं. सत्यपाल बघेल चने की खेती के साथ-साथ टमाटर आलू और लहसुन की खेती भी कर रहे हैं. यह फसल विविधीकरण का उदाहरण है. आज सत्यपाल बघेल का जज्बा देख दूसरे किसान प्रेरित हो रहे हैं. यह किसानों की आमदनी दोगुना करने का शानदार मॉडल है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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