Farmer's Loan Scheme: खेती-किसानी से जुड़े कामों का पूरा करने के लिये खाद(Fertilizer), बीज, कीटनाशक(Pesticides), दवाएं और कृषि मशीनरी (Agriculture Machinery) खरीदने के लिये काफी पैसा खर्च होता है. कई किसान खेती की इस लागत का बोझ नहीं उठा पाते, जिसके लिये साहूकार कर्ज (Agriculture Loan) लेना पड़ता है. ये साहूकार कार्ज के लिये किसानों से ऊंची ब्याज दर वसूलते हैं, जिसके कारण किसान कर्ज के जंजाल भी फंस जाते हैं.


इन्हीं समस्याओं से राहत प्रदान करते हुये सरकार ने कई कृषि ऋण योजनायें (Agriculture Loan Scheme) चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं के तहत आवेदन करके किसान सस्ती दरों पर लोन ले सकते हैं या लोन की रकम में राहत भी पा सकते हैं.  इनमें से कुछ योजनायें ऐसी भी हैं, जो सस्ती दरों पर ऋण के अलावा समय पर कर्ज उतारने पर किसानों को सब्सिडी (Subsidy on Agriculture Loan) भी देती है. 


किसान क्रेडिट कार्ड योजना (Kisan Credit Card Scheme)
इस योजना के तहत किसानों को 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर 3 लाख तक का कृषि लोन दिया जाता है. ये कृषि लोन अल्पकालीन यानी कम समय के लिये दिया जाता है और यदि लोन की रकम को समय से पहले जमा करवा देंगे तो सरकार की तरफ से 3 प्रतिशत की सब्सिडी भी प्रदान की जाती है. इस कृषि ऋण योजना के तहत किसानों को खेती-किसानी से जुड़े कार्यों के अलावा पशुपालन और मछली पालन पर भी लोन दिया जाता है. 


फसल गोदाम के लिए लोन (Warehouse Loan Scheme)
किसानों, ग्रामीण उद्योगों और स्वयं सहायता समूहों के लिये ऋण का कवरेज बढ़ाने के लिये संपार्श्विक मुक्त कृषि ऋण स्कीम चलाई जा रही है. इस योजना के तहत छोटे और सीमांत के लिये कृषि ऋण की सीमा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपए कर दी गई है. इस योजना के तहत किसान आपातकालीन परिस्थितियों में उपज की बिक्री ना होने पर उसे गोदाम में स्टोर कर सकते हैं. इसी काम के लिये केसीसी लोन सुविधा वाले छोटे और सीमांत किसानों को फसल की कटाई के बाद 6 महीने के लिये अतिरिक्त लोन या सब्सिडी प्रदान की जाती है. इस योजना का लाभ सिर्फ वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट रेगुलेटरी अथॉरिटी (डब्ल्यूडीआरए) से मान्यता प्राप्त वेयरहाउस में फसल का भंडारण करना होता है, जिसके बाद भंडारण की रसीदों के आधार पर अनुदान या लोन का प्रावधान है. 


ब्याज सबवेंशन योजना (Premium Subvention Scheme)
इस योजना के तहत अचानक आंधी, बारिश या गर्मी से फसल खराब होने जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिये प्रभावित ऋणी किसानों को राहत प्रदान की जाती है. इस योजना के तहत शुरुआती साल में ऋण की पुनर्गठित राशि पर 2 प्रतिशत की दर से ही भुगतान करना होता है. इस लोन स्कीम के तहत प्राकृतिक आपका के प्रथम वर्ष में ब्याज की राशि में राहत प्रदान की जाती है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित नीतियों के मुताबित दूसरे साल से किसानों को सामान्य ब्याज दर पर लोन का भुगतान करना होता है.


गंभीर प्राकृतिक आपदाओं में किसान लोन (Farmer's Loan Subvention in Natural Disaster) 
भारत के कई इलाकों में बाढ़, सूखा या ओले जैसी गंभीर प्राकृतिक आपदाओं से फसल बर्बाद होने का कारण किसानों को भारी नुकसान होता है. ऐसी स्थिति में ऋणी किसानों को राहत प्रदान करने के लिये पुनर्गठिन लोन की रकम पर 3 साल/ लोन की पूरी अवधि के लिये भी सिर्फ 2 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर का भुगतान करना होता है. यदि किसान गंभीर प्राकृतिक आपदाओं के बीच भी लोन का समय से भुगतान करते हैं तो उन्हें 3 प्रतिशत की दर से सब्सिडी (Subsidy on Agriculture Loan) भी प्रदान की जायेगी. इस लोन स्कीम (Agriculture Loan Scheme) के तहत छोटे और सीमांत किसानों के अलावा काश्तकार किसान, मौखिक पट्टेदार  को शामिल किया गया है.


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