काले गेहूं की खेती से किसान हो रहे मालामाल...जानिए अमीर लोग इसे क्यों खा रहे हैं?
Black Wheat: काले गेहूं की डिमांड बाजार में ज्यादा है. इस गेहूं की खेती की बात करें तो इसे बिल्कुल आम गेहूं की तरह ही बोया जाता है और पूरा प्रोसेस भी सेम होता है.
अब तक आपने जो गेहूं खाया होगा वो हल्के भूरे रंग का होगा. बाजार में भी अक्सर आपको यही गेहूं देखने को मिलेगा. हर साल देश के लाखों करोड़ों किसान यही भूरा गेहूं लगाते हैं और तैयार होने के बाद इसे बाजार में बेचते हैं. लेकिन दशकों से किसानों की एक शिकायत है कि गेहूं तैयार करने में जो खर्च और मेहनत लगती है, उसके मुकाबले उन्हें मुनाफा बेहद कम मिलता है. हालांकि, किसानों के साथ अब ऐसा नहीं होगा. काला गेहूं इसी समस्या का इलाज है. इसकी डिमांड बाजार में तेजी से बढ़ी है, खासतौर से अमीरों के बीच ये गेहूं काफी ज्यादा लोकप्रिय है. इसकी लोकप्रियता का आलम ये है कि लोग इसे बाजार में आने से पहले खेत से खरीद ले रहे हैं. तो चलिए जानते हैं इस अनोखे गेहूं के बारे में.
कहां से आया ये काला गेहूं?
ये काला गेहूं वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है. पंजाब के मोहाली स्थित नैशनल एग्री फ़ूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट यानी नाबी ने इस गेहूं को दुनिया के सामने लाया. यहां के वैज्ञानिकों ने काले गेहूं के अलावा नीले और जामूनी रंग के गेहूं की भी खोज की है. हालांकि, काले गेहूं की डिमांड बाजार में ज्यादा है. इस गेहूं की खेती की बात करें तो इसे बिल्कुल आम गेहूं की तरह ही बोया जाता है और पूरा प्रोसेस भी सेम होता है. पौधे से लेकर बालियां आने तक यह एक आम गेहूं की तरह ही दिखेगा. यानी सब कुछ हरा हरा, लेकिन जैसे ही गेहूं की बालियां सूखने लगती हैं, उसमें मौजूद गेहूं हरे से काला हो जाता है.
गेहूं काला कैसे होता है?
गेहूं काला कैसे होता है, ये सवाल सभी के मन में होगा. चलिए आपको बताते हैं इसका जवाब. दरअसल, इसके पीछे साइंस है. गेहूं का रंग काला इसलिए होता है क्योंकि इस गेहूं में एक खास प्रकार का पिगमेंट पाया जाता है, जो इस फसल के रंग को बदल देता है. इस पिगमेंट को कहते हैं एंथोसायनिन. एंथोसायनिन की सबसे अनोखी बात ये होती है कि ये जिस भी किसी फल, फूल या खाद्य पदार्थ में पाया जाता है वो उसके रंग को गहरा कर देता है. यानी इसकी मात्रा जिस चीज में जितनी ज्यादा होगी, वह चीज उतनी ही ज्यादा गहरे रंग की दिखेगी. सामान्य गेहूं में ये 5 पीपीएम जितनी होती है, जबकि काले गेहूं में ये 100 से 200 पीपीएम तक होती है.
अमीर लोगों के बीच ये गेहूं क्यों लोकप्रिय है?
अमीरों के बीच ये गेहूं लोकप्रिय है, अपनी खूबियों के कारण. दरअसल, इस गेहूं में मौजूद पोषक तत्व इसे खास बनाते हैं. इसमें भारी मात्रा में जिंक, आयरन, प्रोटीन और स्टार्च पाया जाता है. यहां तक की इसमें अकेला आयरन 60 फीसदी होता है. कहा जाता है कि ये गेहूं हमें कैंसर, डायबटीज, तनाव, दिल की बीमारी और मोटापा जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है.
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