Mulethi Farming: हमारे देश में प्राचीन समय से ही औषधीय पौधों की खेती बड़े स्तर पर की जाती हैं. इन पौधों की खेती कर किसान भाई अच्छा लाभ भी प्राप्त करते हैं. इनकी खेती करने से बंजर पड़ी जमीन का भी इस्तेमाल हो जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप मुलेठी की खेती कर शानदार लाभ हासिल कर सकते हैं. मुलेठी की खेती के लिए राजस्थान का जलवायु अच्छा मन जाता है. मुलेठी की जड़ से झाड़ी व मोटा तना बनने में करीब तीन वर्ष का समय लगता है. वहीं, कटाई के बाद 1 हैक्टेयर में मुलेठी की खेती करके 4000 किलो तक उत्पादन किया जा सकता है.  


कटाई के बाद खेतों में मुलेठी की जड़ रह जाती है, जिसे सिंचाई करके फिर से उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. एक बार मुलेठी की खेती करके किसान कई सालों तक लाभ प्राप्त कर सकते हैं. आयुर्वेद में मुलेठी की खेती का बहुत उपयोग होता है. मुलेठी को आयुर्वेदिक या अन्य दवा कंपनियां 50 से 100 रुपये के बीच खरीदती हैं. इससे किसानों को बंजर मिट्टी का सही इस्तेमाल करके कम लागत में अच्छी कमाई करने का अवसर मिलता है.


खेती कैसे करें



  • खेत की मिट्टी को मजबूत बनाने के लिए 2-3 गहरी जुताई करें.

  • आखिरी जुताई से पहले खेत में दस से पंद्रह गाड़ी गोबर की सड़ी खाद, आठ किलो नाइट्रोजन और सोलह किलो फास्फोरस का मिश्रण मिला दें.

  • खेतों में रोपाई से पहले जड़ों को सही तरह से तैयार कर लें. जो फसल में कीड़ों और बीमारियों को रोकता है.

  • रोपाई करने से पहले, 8-9 इंच लंबे, दो या तीन आंखों वाले टुकड़ों को काटकर तीन या चार भाग को मिट्टी में दबा दें.

  • कतारों में मुलेठी रोपें और रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें.

  • पौधे की बढ़वार होने तक मिट्टी को पर्याप्त नमी में रखें.

  • खेत में निराई-गुड़ाई करते रहें और खरपतवारों को देखते रहें.

  • मुलेठी की फसल को बीमारियों और कीड़े से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें.


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