Almond Farming: बादाम की खेती कर किसान तगड़ा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं. बादाम को भारत ही नहीं बल्कि विदेश में भी काफी पसंद किया जाता है. इसकी खेती देश में जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में की जाती है. लेकिन अब तकनीक के चलते इसे मैदानी इलाकों में भी उगाया जा सकता है.


एक्सपर्ट्स के अनुसार बादाम के बेहतर उत्पादन के लिए सही जलवायु और मिट्टी होना जरूरी है. सूखे गर्म उष्णकटिबंधीय इलाके इसकी खेती के लिए बेहद अच्छे रहते हैं. मगर इसके फल के पकते समय गर्म शुष्क मौसम होना आवश्यक है. बता दें कि अधिक गर्म क्षेत्रों में इसकी खेती नहीं की जा सकती है. बादाम का पेड़ अधिक ठंड और पाला सहन कर सकता है. इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट और गहरी मिट्टी में जीवाश्म और कार्बनिक पदार्थों से भरपूर जैविक खाद का प्रयोग करना चाहिए. बादाम के बीज के जरिए नर्सरी में पौधे तैयार किए जाते हैं. फिर दिसंबर-जनवरी के मध्य इसके पौधों की रोपाई खेतों में की जाती है.


इतने दिन में आते हैं फल


बादाम के खेत को तैयार करते समय, प्रत्येक पेड़ के लिए 20 किलो जैविक खाद डालना लाभदायक होता है क्योंकि बादाम एक फीडर पौधा है, जिसे अच्छी मात्रा में खाद और उर्वरक की आवश्यकता होती है. खेत के गड्ढों में जैविक खाद के साथ यूरिया, डीएपी और नीम की खली डालें. बादाम के बाग 3 से 4 साल में फल देने लगते हैं. पेड़ों से अच्छी उपज मिलने में कम से कम छह वर्ष लगते हैं, फिर हर सात से आठ महीने में फूल आने पर उन्हें काट दिया जाता है.


महंगे दामों में है बिकता


बादाम के फलों की तुड़ाई ज्यादा बारिश और अधिक सूखे के समय नहीं करनी चाहिए. बादाम की तुड़ाई के लिए इसकी शाखाओं को लाठी या हाथ से हिलाकर फलों को गिराया जाता है. बादाम के फलों को पेड़ से निकालने के बाद उनकी ऊपरी परत को निकालकर धूप में सुखाया जाता है. बादाम के नट्स का मूल्य 600 से 1000 रुपये प्रति किलो होता है.


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