Light Rain Benefit: खेती में हर साल किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. बाढ़, बारिश और सूखे में किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. देश के कई हिस्सों में पाला भी फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. पिछले कुछ दिनों में देश के कई राज्यों में हलकी बारिश हुई है. ये बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. किसानों को तो इस बारिश से काफी फायदा भी हो गया है. 


डीजल-बिजली का बिल, दोनों में फायदा
हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत कुछ राज्यों में पिछले कुछ दिनों में हलकी बारिश हुई है. इसका पफायदा आने वाले दिनों में किसानों को मिलेगा. विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में हिसार और जींद में हल्की बारिश हुई है. इस तरह की बारिश से चना, गेहूं और सरसों को अधिक फायदा मिलेगा. किसानों को सिंचाई के लिए डीजल और बिजली की जरूरत होती है. लेकिन अब बारिश होने के कारण डीजल का खर्च बच जाएगा. वहीं, बिजली का बिल भी कम हो जाएगा. 


28, 29 जनवरी को हो सकती है बारिश
विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी की बारिश अभी थमने वाली नही ंहै. ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि इस महीने 28 और 29 जनवरी को भी हल्की बारिश हो सकती है. इससे फसलों को दोबारा पानी मिल जाएगा. फसल अच्छी तरह से पनप सकेंगी. विशेषज्ञों का कहना है कि दो दिन हल्की बारिश की ही संभावना है. तेज बारिश या फिर ओलावृष्टि लायक मौसम नहीं है. इस बारिश से भी फसलों को पफायदा होगा. 


पश्चिमी विक्षोभ से हो रही बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, हिसार में मंगलवार को 4 मिमी बारिश दर्ज की गई है. अन्य हिस्सों में भी हल्की बारिश हुई है. यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण हुई है. आईएमडी चंडीगढ़ के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को हरियाणा में 0.1 मिमी बारिश हुई. यह सामान्य से 93 प्रतिशत कम है. किसानों का कहना है कि हल्की बारिश होने से फसलों को लाभ मिलेगा. लेकिन ओलावृष्टि हुई तो पफसलें बर्बाद हो जाएंगी. इससे चना, सरसों, गेहूं सभी फसलें प्रभावित हो सकती हैं. 


गेहूं में रतुआ रोग का बढ़ा खतरा
हल्की बारिश जहां किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. वहीं इससे मौसम में जो नमी बनी हुई है. उससे नुकसान होने का खतरा भी बढ़ गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि कम तापमान और अधिक नमी का बना रहना गेहूं के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. ऐसे मौसम में गेहूं में रतुआ रोग लगने का खतरा अधिक रहता है. 


 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें- नेचुरल-ऑर्गेनिक खेती करने वालों को भी बजट से कई उम्मीदें, कैमिकल फ्री प्रोडक्शन के लिए चाहते हैं ऐसा मॉडल