Reason Behind Lowest Garlic Price: लहसुन एक प्रमुख बागवानी फसल है, जिसका इस्तेमाल औषधि और सब्जी (Garlic Price Issue) के तौर पर किया जाता है. इसके बादजूद भाव के मामले में लहसुन के नखरे हमेशा रहे हैं. इन्हीं नखरों के कारण लहसुन का भाव कभी 80, कभी 100 तो कभी 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया. इस बार मध्य प्रदेश में हुई बर्बादी ने लहसुन के यही नखरे ढीले कर दिए हैं.


मध्यप्रदेश में तो लहसुन एक रुपये किलो से नीचे तक बिक रहा है. मध्य प्रदेश में लहसुन के दामों की भारी गिरावट (Garlic Price Falling Down) का असर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिला है. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बाजारों में 15 से 25 रुपये किलोग्राम तक लहसुन (Garlic Price in UP) आ गया है. कुछ दिनों पहले ही पश्चिमी यूपी के बाजारों में लहसुन के भाव 60 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक थे. हालांकि, लहसुन की कीमतें गिरने से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. 


मध्यप्रदेश में नहीं निकल रहा भाड़ा


मध्यप्रदेश की दलोदा मंडी में 45 रुपये क्विंटल तक लहसुन खरीद लिया गया. इसके असल भाव पर नजर डालें तो यह महज 45 पैसे प्रति किलो रहा. मध्यप्रदेश के मंडी के जानकार बताते हैं कि देवास, आलोत, रतलाम आदि मंडियों में भी लहसुन खरीद (garlic purchase) का बुरा हाल है. यहां लहसुन की कीमतें बहुत तेजी से गिरी हैं.


मध्यप्रदेश में लहसुन की कीमतों को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन (Protest on Garlic Price) हो रहे हैं. कृषि मंत्री के पुतले फूंके गए हैं. रतलाम में विरोध स्वरूप लहसुन की अर्थी तक निकाली गई. एमपी के किसानों का कहना है कि लहसुन की कीमतें इतनी गिर गई हैं कि किसान अब ट्रांसपोर्ट का किराया तक वहीं निकल पा रहे.


दस सालों में दोगुनी हुई लहसुन की खेती


मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर लहसुन की खेती (Garlic Farming) होती है. आंकड़ों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में पिछले दस साल के रिकॉर्ड में लहसुन का डबल से ज्यादा उत्पादन हुआ है. मध्यप्रदेश की आर्थिक सर्वेक्षण(Economic survey of Madhya Pradesh) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2011-12 में 94,945 हेक्टेयर भूमि पर लहसुन की फसल हो रही थी. लहसुन का उत्पादन (Garlic Production) करीब 11.50 लाख मीट्रिक टन हुआ. वर्ष 2020-21 में 1,93,066 हेक्टेयर भूमि पर लहसुन की खेती (Garlic Cultivation) की जा रही है. उत्पादन 19.83 लाख टन हो गया है. जब दस साल पहले उत्पादन कम था तो प्रदेश सरकार भी लहसुन के सही भाव दे रही थी, अब फसली एरिया बढ़ा है. उत्पादन भी बढ़ गया है. इसके बावजूद किसानों को  लहसुन के सही दाम नहीं मिल रहे हैं.


लहसुन सस्ते का यूपी-एमपी से ये है कनेक्शन


पिछले दिनों मध्य प्रदेश में लहसुन के गिरते दामों (Garlic Price Fall in MP) का असर उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी देखने को मिला है. पश्चिमी यूपी में गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, हापुड़, बुलंदशहर, बागपत, बड़ौत, शामली आदि जिलों में लहसुन सस्ता हुआ है.


इस मामले में यूपी के बुलंदशहर में फल, सब्जी मंडी वेलफेयर एसोसिएशन Fruit, Vegetable Market Welfare Association in Bulandshahr) के अध्यक्ष खुशी राम लोधी बताते हैं कि यूपी में लहसुन के भाव 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम रहे हैं, लेकिन अब लहसुन 18 से 20 रुपये प्रति किलोग्राम (Garlic Price in UP) तक बिक रहा है.


मध्यप्रदेश में लहसुन की कीमतों में गिरावट के कारण अब ज्यादातर लोग एमपी से लहसुन (Garlic Marketing) लाकर यहां बेच रहे हैं. यही कारण है कि थोक भाव में लहसुन की खरीद के कारण अब लहसुन (Garlic Price Falling Down) काफी सस्ता हो गया है.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


इसे भी पढ़ें:-


Subsidy Offer: मुफ्त में मिल रहे हैं सरसों और रागी के उन्नत बीज, सिर्फ इन्हीं किसानों मिलेगा फायदा


UP का दम नहीं घोटेगी पराली, स्मॉग से निपटाने के लिए इस तरह होगा काम