Mango Farming: मनचाही कीमतों पर आम बेच पाएंगे किसान, अपनाएं ये खास नुस्खा
Gardening Tips:अकसर कई किसान आम को डंडो से पीटकर तोड़ते हैं, जिससे आम की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है. ऐसा करने से बचना चाहिये.
Mango farming & Marketing: आम को दुनियाभर में फलों का राजा कहते हैं, इसे भारत के साथ-साथ दूसरे देशों में काफी पसंद किया जाता है. खासकर गर्मियों में दैनिक पोषण की 40% पूर्ति आम से ही होती है. इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को तरोताजा बनाये रखते हैं और दिल की बीमारियों, कैंसर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों की संभावना को भी कम कर देते हैं. अगर बात करें इसकी खेती के बारे में तो भारत में आम की बागवानी बड़े पैमाने पर की जाती है. देश में करीब 600 हैक्टेयर जमीन पर आम के बाग लगे हुये हैं, जिनमें कई करोड़ टन फलों का उत्पादन होता है.
जानकारी के लिये बता दें कि सबसे ज्यादा आम के बाग उत्तर प्रदेश में पाये जाते हैं. इस समय आम के बागों में फल लदे हुये हैं, कुछ बागों में आम की तुड़ाई का काम हो गया है. तो कुछ बागों में अभी फल अधपके हैं. अकसर देखा जाता है कि खराब प्रबंधन के कारण कई टन आम के फल बाजार तक पहुंचने से पहले ही खराब हो जाते हैं. किसान भी तपती गर्मी के कारण फलों की तुड़ाई और पैकिंग नहीं ठीक से नहीं कर पाते. इसलिये आज हम आपको आम तुड़ाई से लेकर इसकी बिक्री तक के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बतायेंगे.
फलों की तुड़ाई का तरीका
आम के बागों में पेड़ों से लदे फलों को तोड़ते समय सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है . अकसर कई किसान आम को डंडो से पीटकर तोड़ते हैं, जिससे आम की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है. ऐसा करने से बचना चाहिये.
- आधुनिक तकनीक के दौर में किसान हार्वेस्टर की मदद ले सकते हैं.
- तुड़ाई के समय पेड़ों के नीचे प्लास्टिक का जाल बांधें, और टहनियां हिलाकर फल गिरायें.
- इस तकनीक से फल भी सुरक्षित रहेंगे और ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पडेगी.
- सुरक्षित तौर पर आम की तुड़ाई करके आमों को आकार के हिसाब से अलग-अलग छांटकर रखें
- छोटे आमों को अलग पेटी में बड़े आमों को अलग तरह से वर्गीकृत करें.
- इस तरह से प्रबंध करने पर बाजार में समान आकार के फलों का अच्छा भाव मिल जाता है.
- सड़े-गले, अधपके और अधकचरा फलों को बाकी उपज से अलग कर दें
- आमों की पैकेजिंग प्लास्टिक की कैरेट में करें और फिर गत्तों में ठीक प्रकार से रखें.
- इस तरीके से आम पिचकने का खतरा नहीं रहेगा और फल ठीक प्रकार बाजार पहुंच जायेंगे.
जानकारी के लिये बता दें कि भारत के आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और गुजरात आदि राज्यों में आण की बागवानी की जाती है, इन आमों की विदेशों में काफी मांग रहती है. ऐसे में आमों को सुरक्षित तरीके से निर्यात करना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है. लेकिन अगर किसान आमों की पैकेजिंग ठीक प्रकार से करेंगे तो आम की बिक्री से अच्छे भाव मिल जाते हैं.
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