Bee Keeping Along with Sesame Farming: पुराने समय से ही मधुमक्खियों (Honey Bees)को बिना लागत का मेहनती मजदूर कहते हैं, जो फसलों की क्वालिटी को बढ़ाकर किसानों की आमदनी को डबल करने में मदद करती हैं. खासकर पारंपरिक फसलों में बढ़ते नुकसान के बीच ये मधुमक्खी (Honey Bee Keeping) ही है, जो खेत में उगे फूलों से रस लेकर फसलों के परागण में भी मदद करती हैं, इसलिये इस छोटे जीव के संरक्षण (Bee Protection) और फसलों के साथ-साथ मधुमक्खी पालन की यूनिट (Bee Keeping Unit) जरूर लगानी चाहिये.


फिलहाल कई किसान भाईयों ने अपने खेतों में खरीफ सीजन की नकदी फसल तिल (Sesame Farming in Kharif Season) लगाई हुई है. इस तिलहनी फसल के फूल मधुमक्खियों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं, इसलिये तिल के साथ शहद उत्पादन (Honey Farming along with Sesame Cultivation) करके कई गुना मुनाफा हासिल कर सकते हैं.




तिल की खेती के साथ शहद उत्पादन
कई खेतों में तिल की फसलें लहलहा रही हैं. इस बीच सोने पर सुहागा बनाने के लिये प्रति एकड़ खेत में 8 से 10 डब्बों के साथ मधुमक्खी की कॉलोनी बनायें. मधुमक्खियों की कॉलेनी लगाने के लिये कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करें और सावधानियों के साथ मधुमक्खियों को शहद उत्पादन के काम पर लगा दें. ध्यान रखें कि फसल पर किसी भी प्रकार के कैमिकल का छिड़काव ना करें, क्योंकि इससे मधुमक्खियों की सेहत और फसल की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है.


मधुमक्खी की कॉलोनी भी तिल के खेत के बीचों-बीच या एक किलोमीटर के दायरे में ही बनायें, जिससे ये जीव बिना रास्ता भटके शहद लेकर यूनिट पर पहुंच जाये. इस प्रकार तिल की फसल तैयार होने तक शहद उत्पादन करके 3 से 5 हजार तक अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं.




सर्दियों तक काम करेंगी मधुमक्खियां
जाहिर है कि खरीफ सीजन के तहत अभी तिल, मक्का, बाजरा, फूल और दूसरी पारंपरिक फसलों की खेती का काम जारी है. इस बीच तिल के अलावा बागवानी फसलों के साथ भी मधुमक्खी पालन शुरु कर सकते हैं. खरीफ सीजन के बाद इन्हीं खेतों में सरसों की फसल लगाई जायेगी और ये खेत दोबारा सरसों के पीले फूलों से ढक जायेंगे. ऐसे में ये मधुमक्खियां तिल की खेती के बाद सरसों की फसल से शहद इकट्ठा करके सालभर तक अतिरिक्त आमदनी का इंतजाम करती रहेंगी. 




इन फसलों से मिलता है अव्वल दर्जे का शहद
खेती-किसानी के साथ-साथ ये मधुमक्खियां (Honey Bees) तिल, मक्का, सूरजमुखी, बरसीम, तरबूज, खरबूज, खीरा, करेला, लोकी, इमली, कद्दू, बबुल, अर्जुन, अमलतास जैसी फसलों से अव्वल दर्जे का शहद लेने (Honey Production from Crops) में मदद करती है. इसके अलावा अतिरिक्त आमदनी के लिये ज्वार, मक्का, बाजरा, करेला, खीरा, लौकी, भिन्डी, पपीता, सोयाबीन, मूंग, धान, टमाटर, बबुल, आंवला और कचनार के साथ भी शहद की खेती (Honey Farming) कर सकते हैं.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


इसे भी पढ़ें:-


Success Story: दुनियाभर में फेमस हुआ खेती का ये खास फॉर्मुला, अमेरिका, इजराइल और अफ्रीकी किसान भी ले रहे ट्रेनिंग


Chocolate for Animals: अजब-गजब! ये वाली चॉकलेट खाकर बाल्टीभर दूध देंगी गाय-भैंस, मवेशियों की भूख के साथ बढेगी दूध की क्वालिटी