Animal Fodder Cultivation: खेत में जगह नहीं है तो सिर्फ पानी में उगायें पशुओं का चारा, घर पर लगायें हाइड्रोपॉनिक्स कंबाला
Smart Farming: हाइड्रोपॉनिक कंबाला के जरिये कम समय में ही सिर्फ पानी और बीज की मदद से पशुओं के लिये बेहतरीन और ताजा हरा चारे का इंतजाम हो जाता है.
Hydroponic Kambala Machine for Animal Nutrition: भारत में पशु चारे (Animal Fodder) का गंभीर संकट भी मंडरा रहा है, जिसकी सीधा असर पशुओं पर पड़ता है. सही समय पर पोषण न मिलने पर बड़ी संख्या में पशुओं की जान चली जाती है. इस समस्या का बड़ा बोझ किसानों और पशु पालकों पर भी पड़ता है. इस गंभीर समस्या से निपटने के लिये भारत के कृषि वैज्ञानिकों ने हाइड्रोपॉनिक्स कंबाला मशीन (Hydroponic Kambala Machine) का आविष्कार किया है. इस मशीन में सिर्फ पानी और बीज डालकर के कम समय में ही पशुओं के लिये ताजा हरा चारा मिल जाता है. यह तकनीक छोटे और सीमांत किसान और पशु पालकों के लिये काफी मददगार साबित होगी.
कैसे काम करती है कंबाला मशीन
कंबाला एक रेफ्रिजरेटर या अलमारी नुमा संरचना होता है जो बहुत ही कम जगह पर लगाई जा सकती है. ये किसानों और पशु पालकों के ऊपर है कि खपत के अनुसार कितनी बड़ी मशीन लगाना चाहते हैं.
- कंबाला को कम से कम 3*4 फुट जगह में 7 फीट की लंबाई पर लगाया जा सकता है.
- इस अलमारी नुमा संरचना में 7 रैक लगाये जाते हैं और हर रैक में 4 प्लास्टिक की ट्रे लगाई जाती है.
- प्लास्टिक की सभी ट्रे में मक्का, गेहूं और जौ की चारा किस्मों के बीज बारी-बारी से डाले जाते हैं.
- कंबाला में चारा उगाने के लिये सभी ट्रे 14 माइक्रो स्प्रिंकलर के साथ जोड़ी जाती है.
- एक बार कंबाला मशीन लगाने के बाद हर सप्ताह 25-30 किलो तक हरा चारा मिल जाता है.
- इतने चारे से करीब 4-5 पशुओं के पोषण की आपूर्ति हो जाती है.
- इस मशीन से बेहतरीन चारा लेने के लिये हर 3 दिन के अंदर 50 लीटर पानी डाला जाता है.
- जबकि खेत में पशुओं का चारा उगाने के लिये लगभग 70-100 लीटर पानी की खपत होती है.
- चारे की बढ़वार के लिये इस मशीन को काले जाल के कवर किया जाता है.
- बाद में वेंटिलेशन करने पर बेहतर ढंग से चारे की पैदावार होने लगती है.
- चारा उत्पादन होने पर कटाई कर ली जाती है और मशीन को दूसरी पैदावार के लिये ढंक दिया जाता है.
कंबाला का खर्च और कमाई
कंबाला मशीन एक बिजली से चलने वाली रेफ्रिजरेटर (Farm Refrigerator) मशीन है, जिससे सालभर में 70 रुपये से भी कम की खपत होती है. हालांकि कृषि वैज्ञानिकों ने कंबाला (Kambala) को सौर ऊर्जा (Solar Enegy) से जोड़ने की सुविधा भी रखी है. इस मशीन को 30,000 से 45,000 रुपये तक के खर्च पर लगवाया जा सकता है. फिल्हाल भारत के कई पशु पालक इस मशीन से चारा उगाकर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
इसे भी पढ़ें:-
Potato in the Air: खाद-मिट्टी छोड़ अब हवा में उगेंगे आलू, जानिये इस शानदार तकनीक के बारे में
Farming: अजब-गजब! अब एक ही पौधे पर उगेंगी 3-3 सब्जियां! जानें खास तकनीक