अब तक आपने इंसनों या फिर जानवरों के शराब पीने के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या कभी आपने फसलों को शराब पीते देखा है. जी हां, मध्य प्रदेश में ऐसा ही हो रहा है. वहां किसानों ने अब अपनी फसलों को शराब पिलाना शुरू कर दिया है. यहां शराब पिलाने से तातपर्य है कि अपनी फसल पर शराब का छिड़काव करना शुरू कर दिया है. किसान इसके पीछे जो तर्क दे रहे हैं, वो ऐसी है जिस पर शायद ही आप विश्वास कर पाएं. तो चलिए जानते हैं कि आखिर मध्य प्रदेश के किसान ऐसा क्यों कर रहे हैं.


फसल को शराब क्यों पिला रहे किसान?


ये मामला है मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम का, वहां के किसान अपनी मूंग की फसल पर जम कर शराब का छिड़काव कर रहे हैं. किसानों का तर्क है कि ऐसा करने से उनकी उपज दोगुनी हो जाएगी और फसल पर किसी भी प्रकार के कीड़े नहीं लगेंगे. किसानों का कहना है कि देसी शराब के छिड़काव से उनके फसल पर कोई भी बुरा असर नहीं होता है और ना ही फसल पर कोई ऐसा प्रभाव पड़ता है कि वह उसे खाने वालों के लिए नुकसानदायक हो. सबसे बड़ी बात की ये काम सिर्फ नर्मदापुरम के ही किसान नहीं कर रहे हैं, बल्कि प्रदेश भर के अलग अलग जिलों के कई किसान अपनी फसल की उपज बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहे हैं.


कीड़ों पर ये कैसे असर करता है?


किसानों का कहना है कि देसी शराब की दुर्गंध काफी खतरनाक होती है और इसके छिड़काव से फसल पर लगे कीड़े तुरंत मर जाते हैं. दरअसल, ये देसी शराब फसल पर सीधे नहीं छिड़की जाती है, पहले इसमें काफी मात्रा में पानी मिलाया जाता है फिर इसे फसलों पर छिड़का जाता है. किसानों का कहना है कि अगर वह डायरेक्ट फसल पर देसी शराब का छिड़काव कर देंगे तो उससे फसल झुलस सकती है.


कम खर्चे में हो जाता है काम


किसानों का कहना है कि उन्होंने कीड़ों और रोगों से बचने के लिए देसी शराब का सहारा इसलिए लिया क्योंकि ये जुगाड़ उन्हें सस्ता पड़ता है. दरअसल, रासायनिक उर्वरक और पेस्टिसाइट में किसानों को हर साल काफी पैसा खर्च करना पड़ता है, ऐसे में इसके मुकाबले देसी शराब ज्यादा असरदार भी है और सस्ती भी है इसलिए किसान अपनी फसल को बचाने के लिए इनका उपयोग कर रहे हैं.


ये भी पढ़ें: लाल भिंडी किसानों को बना रही लखपति, जानिए कैसे होती है इसकी खेती