Advanced Lab for Agriculture: खेती-किसानी अनिश्चितताओं का काम है. यहां जलवायु परिवर्तन और मौसम की बेरुखी के कारण किसानों को भारी नुकसान होता है. प्रकृति में हो रहे इन बदलावों को रोकना किसानों के हाथ में नहीं है, लेकिन आधुनिक तकनीकों की मदद से आज कृषि में नुकसान को कम किया जा सकता है. यही वजह है कि अब देशभर में आधुनिक रिसर्च लैब्स (Agri Research Lab) बनाई जा रही है. परंपरागत खेती को अब विज्ञान से जोड़ा जा रहा है, ताकि किसान कम लागत और कम नुकसान में अच्छा मुनाफा कमा सके.
वैज्ञानिक खेती के लिए मिट्टी की जांच(Soil Test Lab), पानी की जांच और उन्नतशील बीजों का इस्तेमाल बड़ा अहम है. खेती में इन सुविधाओं की अहमियत समझते हुए धानुका ग्रुप ने हरियाणा के पलवल में एक रिसर्च सेंटर स्थापित है. यहां किसान मिट्टी, पानी और बीजों की जांच करवाके एक्सपर्ट्स से खेती से जुड़ी तमाम जानकारियां हासिल कर सकते हैं. इस तरह सही जानकारी होने पर खेती में तमाम जोखिमों को कम किया जा सकता है.
किसानों में बढ़ेगी जागरूकता
हरियाणा के पलवल में स्थापित धानुका ग्रुप की इस आधुनिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर का उद्घाटन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने किया. यहां किसानों को मिट्टी, पानी और बीजों के जांच की सुविधा के साथ-साथ बदलते मौसम और कृषि से जुड़ी तमाम चुनौतियों से निपटने में मददगार तकनीकों से भी अवगत करवाया जाएगा. इससे किसानों में जागरूकता बढ़ेगी ही, अब किसान भी समय की मांग के अनुसार खेती करके अच्छी आमदनी ले पाएंगे.
इस अवसर पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि धानुका ग्रुप का रिसर्च सेंटर (Dhanuka Research and Development Center) किसानों को समय की मांग के अनुसार तकनीक से जुड़ने में मदद करेगा. सीएम खट्टर ने कहा कि किसानों को अब गेहूं-चावल की जगह दूसरी फसलों की तरफ बढ़ना चाहिए. हरियाणा सरकार अब धान जैसी पारंपरिक और अधिक पानी की खपत वाली फसलों की जगह दूसरी फसलों की खेती के लिए 7,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की आर्थिक सहायता देती है.
इस आधुनिक लैब से किसानों को सुविधा
हरियाणा के पलवल में स्थापित नई रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब में किसानों को तमाम कृषि तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी. ये लैब आर्गेनिक सिंथेसिस लैब, एनालिटिकल लैब, सॉइल एंड वाटर एनालिसिस लैब, एग्री आरएंडडी लैब, बॉटनिकल्स लैब, बायो पेस्टिसाइड्स लैब, बायोगैस लैब, इन्सेक्ट रिअरिंग लैब का समावेश है, जिसकी मदद से भारत के कृषि क्षेत्र को भविष्य की चुनौतियों से निपटने और तकनीकों के प्रति जागरुक होने में मदद मिलेगी. इस रिसर्च लैब की सुविधायें लेकर किसान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से फसलों का उत्पादन बढ़ा पाएंगे. यहां किसान जैविक कीटनाशकों की भी जांच करवा पाएंगे.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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