Stubble Management: खरीफ फसलें कटकर मंडी पहुंच चुकी हैं. सभी राज्यों की गवर्नमेंट एमएसपी पर फसलों की खरीद कर रही है. किसान कटे हुए धान के अवशेष को खेतों में ही छोड़ गए हैं. अब किसान फसल बेचकर वापस खेतों पर लौट रहे हैं तो उन्होंने पराली जलाना शुरू कर दिया है. सबसे ज्यादा बुरे हाल हरियाणा और पंजाब स्टेट के हैं. यहां दीवाली पर भी पराली जलाने से किसान बाज नहीं आए. किसानों ने जिला प्रशासन और एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट को धता बताते हुए कई जगहों पर पराली फूंक दी. किसानों की इस हरकत से देश के चार राज्यों में स्मॉग का खतरा पैदा हो गया है.
पंजाब में 1019, हरियाणा में 250 जगह जली पराली
दीवाली की रात हरियाणा और पंजाब में किसानों ने जमकर पराली जलाई. इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीटयूट की रिपोर्ट के मुताबिक, दीवाली की रात पंजाब में 1019 स्थानों पर, जबकि हरियाणा में 250 जगहों पर पराली जलाना दर्ज किया गया. इसी दिन पंजाब के तरनतारन में 160 जगह और Amritsar में 97 स्थानों पर पराली जलाना रिकॉर्ड किया गया. अभी तक तरनतारन में 1194 जगह पर पराली जलाने के केस सामने आ चुके हैं. यह स्टेट में टॉप पर है, जबकि Amritsar में 992 स्थानों पर पराली जलाना दर्ज किया गया है.
2016 से अबतक पंजाब में इतनी जगह Stubble Burning
पराली जलने के बाद निकले धुएं ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश को अपने आगोश में लेना शुरू किया. लोगों का दम घुटने लगा तो राज्य सरकारों को कदम उठाने पड़े. पराली से एनवायरमेंट को खासा नुकसान पहुंचा है. वर्ष 2016 से अभी तक आंकड़ा देखें तो पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में इस साल कमी आई है. वर्ष 2016 में 81042, 2017 में 45384, वर्ष 2018 में 50590, वर्ष 2019 में 55210, वर्ष 2020 में 76590, वर्ष 2021 में 71304 और इस साल 5617 घटनाएं पराली जलाने की रिकॉर्ड की गई है.
पराली का धुआं घोंट सकता है दम
पराली से निकलने वाला धुआं एनवायरमेंट में चारों ओर फैल जाता है. वातावरण में कार्बन के कण अधिक होने लगते हैं. ऑक्सीजन लेवल घट जाता है. इससे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है. पंजाब, हरियाणा में जलने वाली पराली से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश स्मॉग की चपेट में आ जाता है. इससे जो लोग पहले से ही अस्थमेटिक हैं. उन्हें सांस लेने में कठिनाई होने लगती हैं. जो एलर्जिक हैं, उन्हें भी समस्या होने लगती है. इसके अलावा नए सांस रोगी भी बन जाते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: Agriculture Irrigation: बिहार में हर खेत तक सिंचाई पहुंचाएगी सरकार, 173 करोड़ का बजट तैयार