खेत में नहीं होगी पानी की कमी... सिंचाई के साथ किसानों की आय डबल करने के लिए सरकार ने बनाई ये योजना
Amrit Sarovar Yojana: लगातार गिरता भूजल स्तर खेती के लिए अच्छा संकेत नहीं. यही वजह है कि वर्षा जल से लेकर भूजल संरक्षण के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. हाल ही में अमृत सरोवर योजना भी लाई गई है.
Amrit Sarovar Scheme: जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल ही केंद्र सरकार ने अमृत सरोवर योजना लॉन्च की थी. आज 11 महीने बाद इस योजना पर तेजी से काम चल रहा है. देशभर में किसानों जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इस कड़ी में 50,000 तालाब बनाने की प्लानिंग है, जिसमें 40,000 तालाब बनकर तैयार हो चुके हैं. इन तालाबों के जरिए ना सिर्फ भूमिगत जल की रिकवरी होगी, बल्कि किसानों को फसल की सिंचाई के साथ-साथ मछली पालन करने की भी सहूलियत मिलेगी. एक तरह से देखा जाए तो अमृत सरोवर योजना के जरिए लाखों किसानों का सिंचाई संसाधनों पर होने वाला खर्च बचेगा. इस योजना के तहत बने अमृत सरोवरों से जुड़कर किसान अपनी आय को भी दोगुना कर पाएंगे.
15 अगस्त तक तैयार हो जाएंगे 50,000 तालाब
साल 2022 में शुरू हुई अमृत सरोवर योजना के तहत अगस्त 2023 तक देश को 50,000 तालाब समर्पित कर दिए जाएंगे. देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं, जो फसल उत्पादन के लिए सिंचाई की चिंताओं को दूर करेंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हर एक एकड़ में फैले अमृत सरोवर की जल धारण क्षमता 10,000 घन मीटर है. इन तालाबों में बारिश का पानी इकट्ठा किया जाएगा. सूखाग्रस्त इलाकों में इन तालाबों से पशुओं के लिए जल की उपलब्धता, मछली पालन, सिंचाई और भूजल स्तर को बेहतर बनाने में खास मदद मिलेगी.
इन अमृत सरोवरों में 12 महीने पानी की उपलब्धता के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. इन तालाबों के चारों तरफ नीम, पीपल, कटहल, जामुन, बरगद, सहजन और महुआ आदि के पेड़ लगाने की भी प्लानिंग है..
क्या कहते हैं आकंड़े
देश के ज्यादातर इलाकों में अब भूजल स्तर गिरता जा रहा है. इससे किसानों को सिंचाई कार्यों में परेशानी उठानी पड़ रही हैं. हालांकि भूजल की वापसी के लिए राज्य सरकारें अलग-अलग तरीके से प्रयास कर रही हैं. कई राज्य सरकारें धान की खेती को हतोत्साहित कर रही हैं.
भूजल रिकवर करने वाली फसलों के उत्पादन, बागवानी और वानिकी को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार भी अमृत सरोवर योजना लाई है, जिसके तहत देशभर में 50,000 और हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण हो रहा है.
अमृत सरोवरों के निर्माण को लेकर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बताया कि करीब 11 महीनों में 80 फीसदी तालाबों का काम पूरा हो चुका है. यह 54,000 उपभोक्ता समूहों की मदद से मुमकिन हो पाया है.
अमृत सरोवरों के निर्माण का काम सीधे ग्रामीण विकास मंत्रालय, रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन और राज मार्ग मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अधिकारियों की निगरानी में चल रहा है. इससे ना सिर्फ गांव में पानी की समस्या दूर होगी, बल्कि इन अमृत सरोवरों में मछली पालन, बतख पालन, सिंघाड़े की खेती और मखाने की खेती को भी बढ़ावा मिल जाएगा.
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