Kharif Season Weekly Advisory for Farmers: भारत में ज्यादातर किसानों ने अपने खेतों में खरीफ फसलें (Kharif Advisory 2022) लगाई हुई है. इन फसलों से किसानों को बेहतर आमदनी हो सके, इसके लिये कृषि वैज्ञानिकों की ओर से किसानों के लिये एडवायजरी जारी की जाती है, जिसमें जरूरी कृषि कार्य और खेती संबंधी सावधानियों के बारे में सलाह दी जाती है. इस सप्ताह भी कृषि विशेषज्ञों ने धान, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, फल और सब्जी फसलों की बुवाई के साथ-साथ खरपतवार और कीटों से बचाव (Kharif Crop Management)  के लिए कृषि एडवायजरी (Agriculture Advisory) जारी की है. 


धान में फसल प्रबंधन (Crop Management in Paddy Crop)
ज्यादातर किसानों ने मानसून का इंतजान ना करते हुये जुलाई की शुरुआत में ही कृतिम सिंचाई का इंतजाम करके धान की रोपाई का काम पूरा कर लिया था.



  • ऐसे में अब तक फसलें 20  से 25 दिन बड़ी हो चुकी हैं, जिनमें कीट-रोगों और खरपतवारों से निगरानी जारी रखें.

  • अकसर खेत में धान के पौधों की पत्तियों का रंग सिरे से पीला पड़ने लगता है. इसके प्रबंधन के लिये 6.0 किलो जिंक सल्फेट (हेप्टा हाइडेट्र 21%) 300 लीटर पानी में घोल प्रति हेक्टेयर फसल पर छिड़काव करें.

  • ध्यान रखें कि बारिश की संभावना न होने पर ही कीट-रोग नियंत्रण या पोषण प्रबंधन का कार्य करें, ताकि दवायें पौधों पर टिकी रहें.


बारिश में ना करें छिड़काव (Do Not Spray during Rain)
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा (ICAR-IARI, PUSA) के वैज्ञानिकों ने बारिश की संभावनाओं के मुताबिक किसानों को छिड़काव न करने के निर्देश दिये हैं. 



  • बारिश बंद होने पर किसान छिड़काव का काम कर सकते हैं. चाहें तो प्रकाश प्रपंच की मदद से भी कीट नियंत्रण का काम कर सकते  हैं.

  • किसान चाहें तो खड़ी फसल और सब्जियों के खेत में खरपतवार नियंत्रण और जल निकासी का काम कर सकते हैं.

  • इस समय सब्जी और दलहनी फसलों में खरपतवार उग जाते हैं, जो फसल की क्वालिटी खराब कर सकते हैं. समय रहते इन खरपतवारों को उखाड़करक फेंक दें.




जल्दी निपटा लें प्याज की रोपाई का काम (Start Plantation of Kharif Onion) 
जिन किसानों ने खरीफ प्याज की नर्सरी तैयार की है, वो बारिश बंद होने पर प्याज की रोपाई का काम कर सकते हैं.



  • ध्यान रखें कि प्याज की रोपाई से पहले पानी को खेतों से बाहर निकाल दें और खेत में हल्की नमी रहने दें.


चारा फसलों की बुवाई (Sowing of Fodder Crops)
बारिश का मौसम चारा फसलों की बुवाई के लिये सही रहता है. ऐसे में ज्वार की चारा किस्नें पूसा चरी-9, पूसा चरी-6 या अन्य सकंर किस्मों से बिजाई का काम कर सकते हैं.



  • किसान चाहें तो खेत की मेड़ों में पर चारा फसलों की बिजाई भी कर सकते हैं. इसके लिये 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीजों का बीज उपचार करके ही बिजाई करें. 


तुरंत खत्म करें सब्जियों की बुवाई और रोपाई (Vegetabale Crop Seeding and Plantation) 
जिन किसानों ने टमाटर, हरी मिर्च, बैंगन व अगेती फूलगोभी की नर्सरी तैयार की है, वे खेत में ऊंचे बेड बनाकर या क्यारियां बनाकर बुवाई-रोपाई का काम निपटा सकते हैं.



  • यह मौसम ग्वार, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न, मूली, पालक, भिंडी, सेम, शलजम और चौलाई की खेती के लिये भी उपयुक्त है. 


उत्पादन बढ़ायेगी मधुमक्खी (Bee Keeping for Better Farming)
जाहिर है कि मधुमक्खियां (Bee Keeping) ना सिर्फ फसलों से शहद इकट्ठा (Honey Production) करती हैं, बल्कि पौधों के परागण में भी मददगार होती है. ऐसे में फूल, सब्जी, गन्ना और मक्का की खेती करने वाले किसान साथ में मधुमक्खियों की कॉलोनियां (Bee coloney)  भी बना सकते हैं. बता दें कि मधुमक्खी पालन (Bee Keeping & Honey Farming) करने से फसल का विकास भी जल्दी होगा और किसानों को शहद बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी मिल जायेगी.




Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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