ठंड का मौसम है, इसमें फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है. ठंड में किसानों पर दोहरी मार पड़ती है, एक तरफ पाला उनकी फसलों को नुकसान पहुंचा रहा होता है, तो दूसरी तरफ कीड़े उनकी फसल बर्बाद करते हैं. हालांकि, कई फसलों के बर्बाद होने के पीछे सफेद सड़न रोग भी होता है, जो फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है. आज हम आपको इस सड़ने से बचाव के उपाय बताएंगे, इसके साथ ही हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस रोग को इसके शुरुआत में ही पहचान सकते हैं.
कैसे पहचानें ये रोग
सफेद सड़न रोग को पहचानने का सबसे आसान तरीका है पौधों को बारीकी से देखना. अगर आपकी फसल में ये रोग लगा है तो इससे संक्रमित पौधे के पत्तियों का रंग भूरा होने के साथ-साथ नरम हो जाएगा और इससे एक सड़ी हुई दुर्गंध निकलने लगेगी. ये बीमारी सबसे पहले पत्तियों, फूल और फलो पर लगती है. जैसे ही ये रोग लगेगा पौधों पर कई जगह सफेद रंग की रुई जैसी संरचना बन जाएगी.
पौधों पर क्या पड़ता है इसका असर
वैज्ञानिक की मानें तो इस बीमारी के लगते ही पौधों के तने गलने लग जाते हैं. इसके साथ ही तने पर भी काली सरसों के दाने जैसी संरचनाएं बन जाती हैं, जिसे स्क्लेरोटिय कहा जाता है. अगर यह बीमारी आपके फसल में लग गई तो ये तेजी से पूरे खेत में फैल जाती है और पूरी खड़ी फसल बर्बाद कर देती है. यह संक्रमण ज्यादातार फसलों में फूल आने के समय या बाद में फलियों पर शुरू होता है.
बचाव के लिए क्या करें किसान
इस बीमारी से बचाव के लिए किसानों को कुछ बातों का ख्याल रखना होगा. जैसे, अगर आपकी फसल में ये बीमारी लग गई है, तो सबसे पहले उसकी सिंचाई बंद करें. क्योंकि ज्यादा सिंचाई इस रोग और बढ़ने में मदद करती है. इसके साथ ही किसानों को इससे बचने के लिए फसलों में फूल आने के समय कक्कनाशी साफ या कर्बोंन्डाजिम दोनों में से कोई भी दवा 2 ग्राम एक लीटर पानी में घोल कर फसलों पर छिड़काव करें. ऐसा करने पर ये रोग आपकी फसल पर से खत्म हो जाएगा. अगर आपने सुरु में ही इस रोग को पहचान लिया और बचाव के उपाय कर लिए तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे.
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