Kisan Credit Card Scheme 2022: ज्यादातर किसान खेती-किसानी से जुड़े कार्यों को निपटाने के लिये किसान क्रेडिट कार्ड पर कृषि लोन (Agriculture Loan on KCC)  लेते हैं. अभी तक कृषि ऋण की इस प्रक्रिया में करीब 4 सप्ताह का समय लग जाता है, लेकिन जल्द ही सिर्फ 15 दिन के अंदर किसानों को डिजिटल लोन (KCC Digital Loan 2022) उपलब्ध करवाया जायेगा. इस काम के लिये भारतीय रिजर्व बैंक-आरबीआई (Indian Researve Bank) ने मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में पायलट प्रोजेक्ट भी जारी किया जायेगा.


किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को कम समय में उचित दरों पर डिजिटल लोन की व्यवस्था का लाभ दिया जायेगा. आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक, पायलट प्रोजेक्ट (KCC Pilot Project 2022) की सफलता के बाद ही डिजिटल लोन की सुविधा से देशभर के किसानों को लाभान्वित किया जायेगा. इसके लिये भारतीय रिजर्व बैंक की ओर गांव-गांव अभियान चलाने की भी कवायद भी की जायेगी, ताकि किसानों को कम समय और कम दरों पर कर्ज मिल सके और खेती की लागत को भी कम किया जा सके.


केसीसी डिजिटल लोन
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मध्य प्रदेश (KCC in Madhya Pradesh)  और तमिलनाडु (KCC in Tamilnadu) में पायलेट प्रोजेक्ट के दौरान केसीसी लोन देने वाली बैंकों में ऑटोमेशन और सर्विस प्रोवाइडर के साथ-साथ उनकी प्रणालियों के इंटीग्रेशन पर फोकस किया जायेगा. आरबीआई के ताजा बयान के मुताबिक, केसीसी पर डिजिटल कृषि लोन की किसानों तक पहुंच को आसान और सुगम बनाया जायेगा. इससे कर्ज के वितरण में समय की बर्बादी नहीं होगी. बता दें कि पायलेट प्रोजेक्ट के तहत 4 सप्ताह में मिलने वाले केसीसी लोन को 2 सप्ताह के अंदर वितरित किया जायेगा. इस कदम से कृषि, किसान, ग्रामीण उद्योग और संबंधित कार्यों के लिये कर्ज की प्रक्रिया काफी आसान हो जायेगी.  
 
कम समय में आसान से मिलेगा लोन
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, अभी तक केसीसी कृषि ऋण के लिये किसानों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ बैंक में हाजिर होना पड़ता था. कई बार लोन की प्रक्रिया को पूरा करने के लिये बार-बार बैंकों के चक्कर भी काटने पड़ते थे. इस बीच खेती-किसानी से जुड़े कार्यों में भी अड़चन आती थी. ग्रामीण ऋण सुविधा की इन्हीं चुनौतियों को ध्यान की रोकथाम के लिये केसीसी लोन का डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है. 


राज्य सरकार करेंगी मदद
मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में केसीसी डिजिटल लोन के पायलट प्रजोक्ट को चुनिंदा जिलों से शुरू किया जायेगा, जिसका संचालन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और फेडरल बैंक करेंगी और इस काम में राज्य सरकार का भी  पूरा सहयोग रहेगा. यहां पायलेट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद धीरे-धीरे देशभर के किसानों को इसका लाभ पहुंचाया जायेगा. 


केसीसी पर सबसे सस्ता लोन
 जानकारी के लिये बता दें कि साल 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरू की गई थी, जिसके तहत किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक जैसे कृषि उत्पादों की खरीद के लिए आसान दरों पर कृषि ऋण उपलब्ध करवाया जाता है. इस योजना में समय-समय पर संशोधन भी किये जाते रहे हैं, जिसके तहत किसान क्रेडिट कार्ड को पीएम किसान (PM Kisan Yojana) और फसल बीमा (PM Fasal Beema Yojana) जैसी योजनाओं से भी जोड़ा गया है.  



  • इस योजना के तहत किसानों को पांच साल के 3 लाख तक का शॉर्ट टर्म (Short Term Loan on KCC) लोन दिया जाता है.

  • वैसे तो किसान क्रेडिट कार्ड पर 9 प्रतिशत की दर से ब्याज की वसूली होती है, जिस पर सरकार 2 प्रतिशत की सब्सिडी देती है.

  • वहीं समय से पहले कर्ज लौटाने पर बैंकों की तरफ 2 प्रतिशत अनुदान भी दिया जाता है.

  • इस प्रकार किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को 4 प्रतिशत की सब्सिडी (Subsidy on Kisan Credit Card Scheme) प्रदान की जाती है, ताकि खेती की लागत के साथ-साथ कर्ज को बोझ भी कम हो सके.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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