Doubling Farmers' Income with Chia Cultivation: भारत में सुपर फूड्स (Super Foods) की मांग और खपत तो ज्यादा है ही, साथ ही विदेशी बाजारों की मांग को भी भारत के किसान ही पूरा कर रहे हैं. हम बात कर रहें है चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds Cultivation)  के बारे में, जिसे नये जमाने का सुपर फूड कहते है. शुरुआत में इसकी खेती सिर्फ अमेरिका में की जाती थी, लेकिन सेहत और खेती के नजरिये से  इसके फायदों को समझते हुये अब भारत के कई इलाकों में चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds Farming) की जा रही है. 


जानें चिया सीड्स के फायदे (Benefits of Chia Seeds)
चिया सीड्स कोई साधारण बीज नहीं है, बल्कि इनका औषधीय महत्व भी है. ओमेगा-3 फैटी एसिड के गुणों से भरूपर चिया सीड्स इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करता है. इसमें मौजूद कैल्शियम, फाइबर, प्रोटीन और तमाम मिनरल्स जैसे पोषक तत्व दिल और दिमाग के साथ शरीर को तंदुरुस्ती प्रदान करते हैं. बडे-बडे शहरों में लोग चिया सीड्स को पानी या दूध में मिलाकर खाते हैं. 


इस तरह करें चिया सीड्स की खेती (Process of Chia Seeds Cultivation)
चिया सीड्स एक बेहद फायदेमंद सुपर फूड है, जिसे किसी भी तरह की मिट्टी और जलवायु में उगा सकते हैं. 





  • कृषि विशेषज्ञों की मानें तो चिया सीड्स की खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिये हल्की-भुरभुरी मिट्टी में इसकी फसल लेनी चाहिये.

  • जैविक विधि (Organic Farming) से चिया सीड्स की खेती करने पर ज्यादा फायदा होता है, इस फसल में कीट-रोगों की संभावना नहीं होती.

  • अक्टूबर से नवंबर में चिया सीड्स की रोपाई कर दी जाती है, इससे पहले नर्सरी में चिया के पौधे तैयार किये जाते हैं.

  • नर्सरी में चिया के पौधे मात्र 15 दिन में तैयार हो जाते हैं, जिनकी रोपाई जैविक विधि से पोषित खेत में की जाती है.

  • बाकी फसलों की तरह चिया सीड्स (Chia Seeds) की फसल में भी खरपतवार उगा जाते हैं, जिनके लिये खेत में निगरानी और निराई-गुड़ाई की जाती है.

  • चिया सीड्स की फसल को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती, बस मिट्टी में नमी बनाने पर ही पौधे जल्दी विकास कर लेते हैं.

  • इसकी फसल को तैयार होने में 110 से 115 दिन यानी करीब 3 महीने का समय लग जाता है. 

  • चिया सीड्स की फसल तैयार होते ही पौधे और बालियां पीला रंग ले लेते हैं.

  • इनकी कटाई के समय पौधों को जड़ समेत उखाड़ लिया जाता है, जिसके बाद बीजों की सुखाकर साफ-सफाई की जाती है.

  • चिया सीड्स की खेती से पहले बाजार की जानकारी होना जरूरी है, जिससे फसल को बेचने में आसानी रहे.

  • किसान चाहें तो चिया सीड्स की व्यावसायिक खेती (Commercial Farming) या कांट्रेक्ट फार्मिंग (Contract Farming) भी कर सकते हैं.




चिया सीड्स की खेती करने वाले सफल किसान (Success Story of Chia Farming)
वैसे तो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई किसान चिया सीड्स की खेती कर रहे हैं, लेकिन बाराबंकी (Barabanki, UP) के प्रगतिशील किसान रिटायर्ड कर्नल हरीश चंद (Retired Colonel Harish Chandra) इस सूची में काफी फेमस है. इनकी सफलता का जिक्र खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में किया था और विदेशी सुपर फूड चिया सीड्स की खेती को लेकर कर्नल हरीश चंद की खूब सराहना भी की थी.


 






चिया सीड्स की खेती में खर्च और मुनाफा (Income & Expenses during Chia Cultivation) 
चिया सीड्स अब विदेशी सुपर फूड नहीं रहा, भारत के किसान इसकी खेती करके नया कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं. 



  • एक एकड़ खेत में चिया सीड्स उगाने पर 20 से 30 हजार तक की लागत आती है, जिसमें बीज और मजदूरी का खर्च शामिल है.

  • आमदनी की बात करें तो एक एकड़ खेत में चिया की सह-फसली खेती करने पर मात्रा 1 किलो बीज लगते हैं, जिनसे तीन महीने के अंदर एक क्विटल उत्पादन मिल जाता है.

  • चिया सीड्स को मुख्य फसल के रूप में लगाने पर एक एकड़ खेत में 4 से 5 किलो बीजों की जरूरत होती है, जिसमें 6-7 क्विंटल यानी 600-700 किलोग्राम तक उपज (Chia Production in India मिल जाती है.  

  • देश और विदेशी बाजारों में चिया सीड्स को  1000 से 2000 रुपये प्रति किलो के भाव पर बेचा जाता है.

  • इस प्रकार 3 महीने में मात्र एक एकड़ जमीन पर चिया की खेती (Chia Farming) करके 6-7 क्विटल उपज और 6 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं.




Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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