Farming in Black Soil: भारत में खेती के लिये कई प्रकार जलवायु और मिट्टी पाई जाती हैं, जो फसलों की अच्छी पैदावार और क्वालिटी उत्पादन लेने के लिये बहुत जरूरी होती है. पौधों के विकास के लिये मिट्टी (Soil Health) का अहम रोल है ही, मिट्टी के कारण ही जमीन में पानी के स्तर भी कायम रहता है. भारत में पांच प्रकार की मिट्टियों में खेती (Farming in Soil) की जाती है, जिसमें काली मिटटी, रेतीली मिटटी, जलोढ़ मिटटी यानि दोमट मिटटी, लाल मिटटी शामिल है.
हर मिट्टी की अपनी खासियत होती है और इनके गुणों के मुताबिक ही फसलों की खेती की जाती है. बात करें काली मिट्टी (Farming in Black Soil) की, तो बाकी किस्मों के मुकाबले काली मिट्टी में कई फसलों की खेती करके बेहतर उत्पादन ले सकते हैं.
कहां होती है काली मिट्टी
भारत में काली मिट्टी का क्षेत्र व्यापक है, जो महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश से लेकर गुजरात तक फैला हुआ है. इन राज्यों के ज्यादातर किसान इसी मिट्टी में अनाज, सब्जियां, फूल, फल और कई दूसरी फलों की खेती करके अच्छा उत्पादन ले रहे हैं.
काली मिट्टी के फायदे
पौधों के विकास में काली मिट्टी का अहम योगदान है. इस मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश की संतुलित मात्रा होती है. ये मिट्टी लौह तत्व, चूना, मैग्नीशियम एवं एलूमिना आदि पोषक तत्वों की खान होती है, जिसके चलते फसलों में अलग से उर्वरकों के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ती.
काली मिट्टी में खेती
कई सालों से काली मिट्टी में कपास की खेती करके से उ्तपादन और उत्पादकता बढ़ रही है. यही कारण है कि इसे काली कपास मिट्टी के नाम से भी जानते हैं.
- विशेषज्ञों की मानें तो धान की बेहतर पैदावार के लिये काली मिट्टी में इसकी खेती करनी चाहिये, क्योंकि इसमें पोषक तत्व और खनिजों का काफी मात्रा मौजूद होती है, जो धान की खेती के लिये बेहद जरूरी है.
- मसूर, चना और तमाम दलहनी फसलों की खेती (Pulses Farming in Black Soil) के लिये भी काली मिट्टी काफी उपयुक्त रहती है. काली मिट्टी में इन फसलों को उगाने के लिये ज्यादा ताम-झाम नहीं करना पड़ता.
- बात करें नकदी फसलों की तो काली मिट्टी में गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा जैसी अनाजी फसलों के अलावा अलसी, सूरजमुखी, मूंगफली जैसी तिलहनी फसलें (Soil Seed farming in Black Soil) भी उगाकर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं.
- काली मिट्टी को गन्ना, तंबाकू समेत सभी प्रकार की नकदी फसलों के लिये संजीवनी समान मानते हैं.
- काली मिट्टी में खेती करके बागवानी फसलों (Horticulture in Black Soil) का भी क्वालिटी उत्पादन ले सकते हैं. इनमें आम, सपोटा, अमरूद और केला के अलावा खट्टे फल और सब्जी फसलें भी शामिल हैं.
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