Herbal food for Animals: भारत में पशुपालन और डेयरी व्यवसाय(Dairy Farming) काफी पुराने समय से ही ग्रामीणों की आजीविका का स्रोत है. पशुपालन और डेयरी के जरिये अच्छी मात्रा में दूध उत्पादन और खेती के लिये जैविक खाद भी मिल जाती है. पशुओं से अच्छे दूध उत्पादन (Milk Production) के लिये हरा चारा, तिलहनी फसलों की खली और दाना दिया जाता है. ये आहार पशुओं की बेहतर सेहत के लिये पोषण (Nutrition)का काम करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में ज्यादातर पशु पोषण के कारण नहीं बल्कि बीमारियों (Health issues) के कारण नहीं बच पाते. पशुओं के जीवन और उनके स्वास्थ्य से जुड़ी इस समस्या के लिये पशु चिकित्सक उन्हें हर्बल आहार (herbal diet)देने की सिफारिश करते हैं.


क्या हैं ये हर्बल आहार
जानकारी के लिये बता दें कि हर्बल आहार यानी हर्बल फीड एडिटिव कुछ और नहीं, बल्कि जड़ी-बूटी, हर्बल फसल और मोटे अनाज होते हैं. जिनका सेवन करने से पशुओं की इम्यूनिटी बढ़ती तो बढ़ती ही है, साथ ही पाचन में सुधार, आंतों की सफाई, मेटाबॉलिज्म बढ़ने के साथ-साथ उनमें ऊर्जा का विकास होता है. हर्बल आहार के जरिये पशुओं में बीमारियों की रोकथाम और इलाज प्राकृतिक रूप से ही हो जाता है. इनका सेवन करने से बेहतर क्वालिटी का दूध उत्पादन होता है और पशुपालकों की आमदनी में भी बढ़ोत्तरी होती है. आइये जानते हैं पशुओं को कौन-कौन से हर्बल आहार खिलाने से क्या फायदे मिल सकते हैं-


पशुओं को ये खिलायें



  • अकसर पशुओं को दस्त और पाचन संबंधी समस्यायें हो जाती हैं, ऐसी स्थितियों में चारे के साथ जायफल के बीज खिलाना फायदेमंद होता है.

  • जिन पशुओं को भूख नहीं लगती या ठीक से चारा नहीं खाते, उन्हें दालचीनी की छाल, लौंग के फूल और लहसुन का कंद आहार के रूप में देना चाहिये.

  • पशुओं में भूख और पाचन की आम समस्या दूर करने के लिये इलायची के बीज, धनिया की पत्तियां और बीज, अजवायन के फल और पत्तियां, मेथी के बीज और सरसों की बीज भी खिला सकते हैं

  • वैसे तो अजवायन का पूरा पौधा ही पशुओं के स्वास्थ्य के लिये काफी लाभदायक होता है, इसे समय-समय पशुओं को खिलाते रहना चाहिये.

  • पशुओं से अच्छे दूध उत्पादन के लिये जीरा, मोटी सौंफ और सतावरी की जड़ें खिलाना फायदेमंद रहता है.


सावधानियां
अपने पशुओं को हर्बल आहार (Herbal Food) यानी हर्बल फीड एडिटिव (Herbal Feed Additives) निश्चित मात्रा में ही खिलाने चाहिये. ध्यान रखें कि पशुओं को सिर्फ हर्बल फीड़ एडिटिव्स न खिलायें, बल्कि इन्हें चारे के साथ मिलाकर दें. बेहतर स्वास्थ्य के लिये पशुओं को समय-समय पर पानी पिलाते रहें और पशु चिकित्सकों की सलाह पर ही पशुओं का आहार निर्धारित करें. अभी तक तो ये औषधीय पौधे(Herbal Plants) और जड़ी-बूटियां आयुर्वेव में इलाज के लिये काम आती थीं, लेकिन अब धीरे-धीरे लोग भी अपनी स्वास्थ्य समस्याओं में इनका प्रयोग करते हैं. ये हर्बल एडिटिव्स भारत में बडे पैमाने पर उगाये जाते और विदेशों में निर्यात भी किये जाते हैं.


 


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