Fertilizer Benefit: देश में अनाज उत्पादन और भंडारण की कमी नहीं है. केंद्र सरकार ने इसके लिए कारोबारी और किसान दोनों ही आश्वस्त किया है. वहीं देश में उर्वरकों की भी कमी नहीं है. केंद्र सरकार के हालिया आंकड़ों में देश में डीएपी की स्थिति भरपूर है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि डीएपी का पर्याप्त भंडार देश में हैं. कोई किसान डीएपी को स्टॉक न करें. 


14 दिसंबर तक 47.88 लाख टन डीएपी स्टॉक में रहा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खुबा ने राज्यसभा में ये आंकड़े पेश किए हैं. फसल वर्ष 2022-23 के चालू रबी सीजन के लिए 55.38 लाख टन डीएपी उर्वरक की आवश्यकता होती है. 14 दिसंबर तक डीएपी की उपलब्धता 47.88 लाख टन रही. चालू रबी सीजन में एक अक्टूबर से 14 दिसंबर के बीच डायरेक्ट कैश ट्रांसफर के जरिए डीएपी की संचयी बिक्री की मात्रा 36.67 लाख टन पाई गई.


2.5 लाख करोड़ हो सकता है उर्वरक सब्सिडी खर्च
उर्वरक पर सब्सिडी का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है. चालू वित्त वर्ष में उर्वरक सब्सिडी खर्च बढ़कर 2.3 से 2.5 लाख करोड़ रुपये हो सकता है. सब्सिडी देने से किसानों और कारोबारी दोनों ही लाभ मिल जाता है. वहीं, फर्टिलाइजर की वैश्विक कीमतों में नरमी आने की बात कही जा रही है. इसका असर भारत में भी देखने को मिल सकता है. हालांकि सब्सिडी उत्पादन को लेकर लगातार विशेषज्ञ चिंता भी जता रहे हैं. इसको लेकर चिंता जताई गई कि यह सेक्टर बेहद कम मुनाफे पर काम कर रहा है. इसलिए आने वाले समय में निवेश करने में दिक्कतें आ सकती हैं. 


पिछले साल सब्सिडी 1.62 लाख करोड़ रही
सब्सिडी खर्चे पर केंद्र सरकार की नजरें टिकी हुई हैं. आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल सब्सिडी पर 1.65 लाख करोड़ रुपये खर्च किया गया था. केंद्र और राज्य सरकार अपने स्तर से भी सब्सिडी देती हैं. सब्सिडी खर्च 25 प्रतिशत तक कम होने की संभावना जताई जा रही है. वैश्विक स्तर की मार्केट भी काफी हद तक यह तय करेंगी. 


उत्पादन में हो रही वृद्धि
देश में डिमांड बढ़ने के कारण उर्वरकों के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की जा रही है. अप्रैल से अक्टूबर 2022 की अवधि में यूरिया, डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) और एसएसपी के प्रोडक्शन में साल दर साल वृद्धि दर्ज की गई है. यूरिया में 16.0 प्रतिशत, डीएपी में 14.2 प्रतिशत और एसएसपी में 9.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. एनपी/एनपीके कॉम्प्लेक्स उर्वरकों के उत्पादन में 5.2 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. वहीं, अप्रैल से अक्टूबर 2022 के अवधि कुछ उर्वरकों के एक्सपोर्ट करने में बेहतर रहा. डीएपी के आयात में 45.2 प्रतिशत और एनपी/एनपीके के आयात में 76.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसके इतर यूरिया के आयात में 12.9 प्रतिशत और एमओपी के एक्सपोर्ट करने में 7.3 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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