गांव में खाली पड़ी जमीन में मछली पालन करने के लिए क्या लेनी होती सरकार से परमिशन, ऐसे शुरू होगा बिजनेस
Fish Farming Tips: मछली पालन के लिए किसानों को किन चीजों की जरूरत होती है.कैसे शुरू किया जाता है मछली पालन का बिजनेस.आइये जानते हैं इस से जुड़ी जरूरी बातें जो बिजनेस शुरू करने से पहले जानना जरूरी है.
Fish Farming Tips: भारत में अब किस पारंपरिक खेती को छोड़कर गैर पारंपरिक खेती की और भी अग्रसर हो रहे हैं. किसान खेती से बिजनेस के अलग-अलग तरीके ढूंढ रहे हैं. इसके साथ ही अलग-अलग तरह के बिजनेस में हाथ आजमा रहे हैं. पिछले कुछ समय से मछली पालन के बिजनेस में की ओर भी किसानों का रूझान बढ़ा है.
मछली पालन से भी किसान अब अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं. मछली पालन के लिए किसानों को किन-किन चीजों की जरूरत होती है. क्या अगर पहले से ही गांव में जमीन है तो सरकार से मछली पालन के लिए परमिशन लेनी होती है. कैसे शुरू किया जाता है मछली पालन का बिजनेस. चलिए जानते हैं यह सारी बातें.
नहीं लेनी होती सरकार की परमिशन
आपको किसी भी तरह के व्यवसाय को शुरू करने के लिए परमिशन लेने की जरूरत नहीं होती. हालांकि आपको कानून की प्रक्रिया की तरह अपने व्यवसाय को रजिस्टर्ड करवाना होता है. मछली पालन करने वाले किसानों को भी प्रक्रिया के तहत अपने व्यवसाय को रजिस्टर्ड करवाना होता है. जिसमें वह अपने मछली पालन व्यवसाय की पूरी जानकारी देते हैं.
मछली पालन करने के लिए किसानों को सरकारी प्रोत्साहन देती है. भारत सरकार की ओर से भी किसानों को मछली पालन के लिए 60 फ़ीसदी की सब्सिडी जा रही है केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चलाई जा रही है. भारत में अब जिन किसानों के पास तालाब नहीं है. वह भी मछली पालन के व्यवसाय को बड़े ही आसानी के साथ कर सकते हैं.
कैसे शुरू करें मछली पालन व्यवसाय?
अब आप किसान अगर मछली पालन का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं. तो सबसे पहले आपको मछली पालन की ट्रेनिंग लेना जरूरी है. यह आपके व्यवसाय के बहुत काम आ सकती है. इसके बाद छोटे तालाब में मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया जा सकता है. छोटे तालाब बनाने में खर्च काफी काम आता है लेकिन इससे मुनाफा अच्छा कमाया जा सकता है.
अगर किसी के पास गांव में खाली जमीन पड़ी है. तो जमीन खरीदने का उसका खर्चा बच सकता है. मछली पालन के व्यवसाय के लिए एक्सपर्ट की मानें तो छोटे तालाब बनवाने में ₹50000 तक का खर्चा आ सकता है. तालाब में बीज डालने के 1 महीने बाद ही मछली तैयार हो जाती है.
सरकार की ओर से मिलेगी सब्सिडी
भारत सरकार की ओर से बैकयार्ड रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम नाम की योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत अगर कोई किस मछली पालन का व्यवसाय शुरू करना चाह रहा है तो उसे 40 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी. तो वही जो महिलाएं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के ताल्लुक रखती है उन्हें इस योजना के तहत फीसदी सब्सिडी प्रदान की जाएगी.
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