Fish Farming: इस स्टेट में मछलियों के जीन पर रिसर्च करेंगे थाइलैंड के साइंटिस्ट, बढ़ेगी मछली पालकों की आय
Fish Farming: छत्तीसगढ़ में मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. राजधानी रायपुर के पास ही मछली अनुसंधान केंद्र बना हैं. वहां थाईलैंड के वैज्ञानिक बेहतर मछली की प्रजाति के लिए रिसर्च करेंगे.
Fish Farming: मछली पालन कमाई का बढ़िया जरिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसान इसे सलीके से करता है तो सालाना लाखों रुपये की आमदनी कर सकता है. स्टेट भी मछली पालन के लिए सब्सिडी देते हैं. देश के कई स्टेट हैं, जहां लोग मछली पालन में दिलचस्पी दिखाते हैं. स्टेट गवर्नमेंट भी उन्हें सब्सिडी देकर मोटिवेट करती है. मछली पालन के लिए छत्तीसगढ़ भी प्रमुख राज्य है. यहां विदेशों की धरती से लोग मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए निवेश कर रहे हैं.
थाईलैंड के साइंटिस्ट के सहयोग से बना मछली अनुसंधान केंद्र
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से जुड़े गांव रामपुर मेें मछली अनुसंधान केंद्र स्थापित है. इसे थाईलैंड के साइंटिस्ट के सहयोग से स्थापित किया गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक्वा जेनेटिक के इस केन्द्र की स्थापना एम हेचरी रायपुर एवं मनीत ग्रुप थाईलैंड के संयुक्त प्रयास से की गई है.
मछलियों के जीन पर होगी रिसर्च
अनुसंधान केंद्र में मछलियों के जीन पर रिसर्च की जाएगी. जेनेटिकली जांच परखकर उनको प्रजाति को बेहतर किया जाएगा. मछली पालकों को बेहतर मछली उत्पादन के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. यहां पर तिलापिया मछली बीज का उत्पादन भी हो रहा है. रिसर्च सेंटर करीब 100 एकड़ में फैला हुआ है. निजी स्तर से तैयार हुए इस केंद्र का अधिकारी भी निरीक्षण कर रहे हैं.
मछलियों की अच्छी प्रजातियों को किया जाएगा विकसित
छत्तीसगढ़ में बने इस अनुसंधान केंद्र में उन्नत किस्म की मछलियों की प्रजातियों को विकसित किया जाएगा. उनका मीट पौष्टिक होगा और हेल्थ के लिए भी प्रॉपर डाइट होगी. इससे छत्तीसगढ़ में मछली उत्पादन के क्षेत्र में तेजी आाएगी. किसानों को स्थानीय लेवल पर ही मछली का बेहतर आहार मिल सकेगा. लोकल लेवल पर किसान भी अच्छी प्रजाति की मछलियों का पालन कर उन्हें बेच सकेंगे. उनकी मछलियां अच्छे रेटों ंपर बिक सकेंगी.
प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना से मिल रही सब्सिडी
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना संचालित है. योजना के तहत केंद्र सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देती है. छत्तीसगढ़ के सिमगा विकासखण्ड के गांव खेरवारी महिला स्व-सहायता समूह बंद हो चुके खदानों में केज कल्चर विधि से मछली पालन कर रही हैं. यहां मछली पालन के लिए 12 केज तैयार किये गए हैं. इस प्रोजेक्ट की लागत 36 लाख रुपये है. इसके लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 60 प्रतिशत और डी.एम.एफ से 40 प्रतिशत सब्सिडी मिली है. इससे मछली पालन को बढ़ावा मिलेगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.