Fish-Rice Farming Technique: भारत में खरीफ सीजन (Kharif season) में धान की खेती (Paddy Cultivation) बड़े पैमाने पर की जाती है. ये एक नकदी फसल तो है ही, किसानों के लिये अच्छी आमदनी का जरिया भी है, इसलिये मानसून के दौरान धान की खेती (Rice Farming) करने का चलन है. धान की खेती से अधिक आमदनी के लिये किसान खाद-उर्वरकों का प्रयोग और नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन धान की खेती के साथ मछली पालन (Fish Farming) करके और भी ज्यादा लाभ कमा सकते हैं. इस खास तकनीक को फिश-राइस फार्मिंग (Fish-Rice Farming) यानी धान के साथ मछली पालन का नुस्खा कहते हैं, जो एकीकृत खेती(Integrated Farming) का ही मॉडल है.
क्या है फिश-राइस फार्मिंग के फायदे (Advantages of Fish-Rice Farming)
ज्यादा सिंचाई और बारिश के कारण धान की फसल में पानी भर जाता है, जो फसल की जरूरत तो है ही, लेकिन कभी-कभी ये अतिरिक्त पानी खेत से बाहर निकालना पड़ जाता है, जिससे बड़ी मात्रा में पानी की बर्बादी होती है. ऐसी स्थिति में धान के खेत में ही मछली पालन करके पानी का सही इस्तेमाल और धान के साथ मछली बेचकर दोगुना पैसा भी कमा सकते हैं.
इस देशों में हो रही फिश-राइस फार्मिंग (Countries Doing Fish-rice Farming)
रिपोर्ट्स की मानें तो फिश-राइस फार्मिंग कोई नई तकनीक नहीं है, बल्कि ज्यादातर देश पहले से ही इस तकनीक के जरिये मोटा मुनाफा कमा रहे हैं, जिसमें चीन, बांग्लादेश, मलेशिया, कोरिया, इंडोनेशिया, फिलिपिंस, थाईलैंड आदि शामिल है. इन देशों में खेती अब फायदे का सौदा बनती जा रही है, इसलिये भारत के ज्यादातर इलाकों में किसानों को ये तकनीक अपनाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है.
कैसे काम करता है फिश-राइस फार्मिंग सिस्टम (Fish-Rice Farming System & Management)
इस तकनीक के तहत धान के खेत में पानी भरकर मछली पालने (Fish Farming) का काम किया जाता है. इस काम से बेहतर लाभ लेने के लिये सावधानी और सही ट्रेनिंग की जरूरत होती है. इस दौरान खेतों में धान की रोपाई तो पहले ही कर दी जाती है, जिसके बाद फिश कल्चर (Fish Culture) तैयार करके खेतों में डाला जाता है. इसके बाद धान की खेती और मछली पालन में संतुलन बिठाकर प्रबंधन कार्य किये जाते हैं. इस तकनीक से मछलियों का स्वस्थ उत्पादन मिल जाता है और धान में कीड़े और खरपतवारों की समस्या भी खत्म हो जाती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
इसे भी पढ़ें:-
Rice Farming: तेजी से बढेंगे धान के कल्ले, ज्यादा पैदावार के लिये धान की फसल में जरूर करें ये 5 काम