गोमूत्र (Cow Urine) पिछले कुछ वर्षों से ज्यादा चर्चा में है, हालांकि इसका इस्तेमाल औषधीय के रूप में आयुर्वेद में सदियों से होता आ रहा है. आयुर्वेद की मानें तो कई गंभीर बीमारियों में भी इसके सेवन से लाभ होता है. भारत समेत पूरी दुनिया में ऐसे लाखों लोग हैं जो इसका सेवन करते हैं. लेकिन कुछ लोग इसके स्वाद और इसकी बदबू की वजह से चाह कर भी इसे पी नहीं पाते.


अब उन्हीं लोगों की सुविधा के लिए वैज्ञानिकों ने फ्लेवर्ड गोमूत्र की खोज की है. यानी अब गोमूत्र आपको अलग-अलग तरह के स्वाद में उपलब्ध होगा. अगर आपको ऑरेंज पसंद है तो गोमूत्र इस फ्लेवर में मिल जाएगा, अगर आपको मैंगो पसंद है तो गोमूत्र इस फ्लेवर में उपलब्ध होगा और अगर आप पाइनएप्पल के शौकीन हैं तो आपको गोमूत्र इस स्वाद में मिल जाएगा. यानी अब आप खट्टा, मीठा, नमकीन जिस स्वाद और गंध में चाहेंगे आपको गोमूत्र मिल जाएगा.


किसने बनाया फ्लेवर्ड गोमूत्र?


ये बड़ी खोज की है, आईआईटी मुंबई से पीएचडी कर चुके डॉक्टर राकेश चंद्र अग्रवाल ने. उन्होंने इस फ्लेवर्ड गोमूत्र को नाम दिया है संजीवनी रस. इस खोज के बाद वह अब पूरे भारत में मौजूद अलग अलग प्रयोग शालाओं में इसे बनाने की लोगों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. डॉ. राकेश इसे लेकर लंबे समय से रिसर्च कर रहे थे और अंत में उन्हें सफलता मिल ही गई. डॉ. राकेश मानते हैं कि गोमूत्र में कई तरह के एंजाइम्स और न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो हमारे शरीर को कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचाते हैं, इसलिए उन्होंने फैसला किया कि अब वह फ्लेवर्ड गोमूत्र बना कर इसे घर घर तक पहुंचा देंगे.


कितने फ्लेवर में आ रहा है ये संजीवनी रस


मीडिया में छपी खबरों की मानें तो यह फ्लेवर्ड गोमूत्र फिलहाल 6 तरह के अलग अलग स्वाद में उपलब्ध है. इसमें मैंगो, ऑरेंज, पाइनएप्पल, स्ट्रॉबेरी, पान और मिक्स फ्लेवर है. इसे बनाने के लिए फूड ग्रेड कलर और एसेंस का इस्तेमाल किया जाता है. फिलहाल ये कोटा के 6 गोशालाओं में तैयार हो रहा है. लेकिव धीरे धीरे इसे बड़े स्केल पर तैयार करने का भी प्लान है. अगर आप भी इस तरह का फ्लेवर्ड गोमूत्र चाहते हैं तो आपको एक लीटर के लिए कम से कम 200 रुपये खर्च करने होंगे.


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