Flour Price: 38 रुपये किलो बिक रहा आटा, अब होगा सस्ता!, केंद्र सरकार ये बड़ा कदम उठाने जा रही है
देश में 38 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा है. केंद्र सरकार ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में आटे की कीमतें कम जा सकती है. सरकार गेहूं की बड़ी खेप बाजार में उतारने की तैयारी में है.
Flour Price In India: देश में फल, सब्जी, खाने का तेल, पेट्रोलियम ऑयल, खाद्य आयल की कीमतें बढ़ने पर राष्ट्रीय मुद्दा बन जाती हैं. केंद्र सरकार भी इनकी कीमतों को लेकर गंभीर होती है. देश में कुछ समय पहले गेहूं की कीमतों में बढ़ोत्तरी देखी गई थी. इसका असर आटे की कीमतों पर भी पड़ा. आटे की कीमत बढ़ते ही केंद्र सरकार की टेंशन बढ़ लगने लगती है. अब उसी के नियंत्रण को लेकर कदम उठाए जा रहे हैं.
38 रुपये किलो बिक रहा आटा
देश में पिछले सीजन में लू के चलते गेहूं का उत्पादन प्रभावित हुआ था. गेहूं के उत्पादन में खासी कमी देखी गई थी. इधर यूक्रेन-रूस युद्ध का असर भी गेहूं की कीमतों पर पड़ा. घरेलू खपत कम होने के कारण गेहूं की कीमत बढ़ती गई. अब ये आलम है कि देश में आटा 38 रुपये किलो तक बिक रहा है. आटे में 4 से 5 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. इसी को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है.
घट सकती है आटे की कीमतें
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा से गेहूं और आटे की कीमत बढ़ने के संबंध में सवाल किया गया था. बृहस्पतिवार को कहा उन्होंने कहा कि गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों में बढ़ोत्तरी देखी गई है. केंद्र सरकार जल्द ही बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएगी. केंद्र सरकार के स्तर से नियमित रूप से गेहूं और आटे की कीमतों की निगरानी की जा रही है. कीमतें कैसे कम की जा सकती हैं. इस पर भी शीर्ष नेतृत्व और विशेषज्ञों से रायशुमारी जारी है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय के स्तर से बढ़ी कीमतों के नियंत्रण के लिए कदम उठाए जाएंगे. हालांकि कदम क्या होंगे? इसको लेकर तस्वीर क्लियर नहीं की गई है.
बाजार में आ सकता है 20 लाख टन गेहूं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सचिव ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास गेहूं और चावल स्टॉक काफी है. केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात को प्रतिबंध करने के लिए इसलिए कदम उठाया था, क्योंकि घरेलू उत्पादन में गिरावट और केंद्रीय पूल के लिए एफसीआई की खरीद में कमी के बाद कीमतों को नियंत्रित करना जरूरी था. इसी वजह से केंद्र सरकार ने मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन कीमत कम करने के लिए अब नई कवायद जारी है. केंद्र सरकार बढ़ती खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आटा मिलों जैसे थोक उपभोक्ताओं के लिए एफसीआई के स्टॉक से अगले साल 15-20 लाख टन गेहूं जारी करने पर विचार कर रही है. बाजार में अतिरिक्त गेहूं आने पर आटे की कीमतों पर इसका असर पड़ेगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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