Flour Price In India: देश में गेहूं की बढ़ी कीमतों से केंद्र सरकार परेशान है. परेशानी इसलिए भी बढ़ी है कि गेहूं की कीमत बढ़ने के साथ ही आटे की कीमतों में भी बढ़ोत्तरी हो गई है. इसका असर आम आदमी की रसोई पर पड़ रहा है. केंद्र सरकार गेहूं की कीमत कम करने में जुटी हुई है. इसको लेकर ग्राउंड लेवल पर कवायद शुरू कर दी गई है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है जल्द से जल्द देश में गेहूं बिक्री की जाएगी. इससे आम आदमी को जल्द ही सस्ते दामों में गेहूं और आटा मिल सकेगा.
कल से शुरू हो जाएगी आटे की बिक्री
केंद्र सरकार आटे की बिक्री 6 फरवरी यानि कल से शुरू कर देगी. केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि केंद्रीय भंडार और नाफेड जैसी सहकारी समितियां 29.5 रुपये प्रति किलोग्राम आटा बेच सकेंगी. नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया 6 फरवरी से इतनी कीमत पर आटे को बेचना शुरू कर देंगी. सरकारी आउटलेट पर आसानी से इतनी कीमत पर आटा आम कंज्यूमर को मिल जाएगा. आमजन को 29.5 रुपये प्रति किलो की दर से ही आटा मिल सकेगा.
बुधवार को होगी गेहूं की ई-नीलामी
केंद्र सरकार ने देश में गेहूं और आटे की कीमत कम करने के लिए 30 लाख टन गेहूं बाजार में उतारने का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि हर बुधवार को देश के विभिन्न राज्यों में गेहूं की ई-नीलामी की जाएगी. इसके लिए केंद्र सरकार के स्तर से तैयारी पूरी कर ली गई हैं. वहीं गेहूं व्यापारी भी गेहूं खरीद की तैयारी में जुटे हुए हैं.
पहले सप्ताह बेचा 9.2 लाख मीट्रिक टन गेहूं
देश के कई राज्यों में गेहूं की नीलामी शुरू हो गई है. केंद्र सरकार के स्तर से गेहूं बेचने की जिम्मेदारी भारतीय खाद्य निगम एफसीआई को दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, एफसीआई की ओर से की गई गेहूं की नीलामी में 1150 से अधिक बिडर्स ने भाग लिया. देश भर में करीब 9.2 लाख मीट्रिक टन गेहूं बेचा गया. जल्द ही शेष गेहूं की नीलामी भी एफसीआई के स्तर से कर दी जाएगी.
छोटे व्यापारी अधिक कर रहे भागीदारी
गेहूं की नीलामी को कई कैटेगरी में बांटा गया था. मसलन छोटे और बड़े व्यापारियों के लिहाज से नीलामी तय की गई थी. पहले सप्ताह में सबसे ज्यादा बिडर्स 100 से 499 मिलियन टन की सीमा में रहे. इसके बाद 500-1,000 मिलियन टन गेहूं खरीद के लिए व्यापारी मौजूद रहे. उसके बाद 50-100 मिलियन टन गेहूं की मांग की गई. बड़ी बोली में कम बिडर्स ने भागीदारी की. अंदाजा लगा सकते हैं कि 3000 मिलियन टन की अधिकतम मात्रा में केवल 27 बिडर्स ने ही बोलियां लगाईं.
22 लाख मीट्रिक टन की हो सकेगी बिक्री
केंद्र सरकार किसी भी सूरत में देश में गेहूं की खपत कम नहीं होने देना चाहती है. प्रत्येक बुधवार को ई-नीलामी के माध्यम से एफसीआई गेहूं की बिक्री करेगा. दरअसल, गेहूं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रण में लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में मंत्रियों की समिति ने ई-नीलामी से गेहूं बिक्री का सुझाव दिया. बाद में इसी कार्ययोजना को अमल में लाया गया. एफसीआई ने ई-नीलामी से 25 लाख मीट्रिक टन में से 22 लाख मीट्रिक टन गेहूं की पेशकश की है. वहीं कुल 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं बाजार में उतारा जाएगा. इसमें से 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं राज्यों को दिया जाएगा, जबकि 3 लाख मीट्रिक टन केंद्रीय भंडार और नोफेड के जरिए आपूर्ति होगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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