Flour Price: इस वजह से महंगा हो रहा था आटा, कीमतें कम करने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम
पिछले कुछ दिनों में देश में आटे की कीमतें बढ़ी हैं. केंद्र सरकार ने इसके पीछे कुछ वजह बताई हैं. वहीं, केेंद्र सरकार ने जल्द ही इसमें राहत देने के संकेत दिए हैं.
Flour Price In India: देश में गेहूं की बंपर पैदावार हो रही है. उत्पादन भी भरपूर होता है. लेकिन इस बार महंगे आटे ने घर का बजट बिगाड़ना शुरू कर दिया है. महंगाई में आटा गीला वाली कहावत भी सही साबित हो रही है. हालांकि केंद्र सरकार ने संकेत दिए हैं कि देश में महंगाई नहीं होने दी जाएगी. विशेष बात यह है कि केंद्र सरकार ने वजह भी बताई हैं, जिसकी वजह से हाल मेें आटे में महंगाई का पानी घोल दिया है.
22 प्रतिशत बढ़ गया गेहूं का थोक मूल्य
हाल मेें केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों मेें सामने आया था कि इसी साल जनवरी में गेहूं का थोक मूल्य 2228 रुपये प्रति क्विंटल था, जोकि नवंबर में 22 प्रतिशत बढ़कर 2721 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. आटे की कीमतें बढ़ने पर केंद्र सरकार ने चिंता जताई है.
लू की वजह से घट गया गेहूं का उत्पादन
देश में गेहूं का उत्पादन घटा है. इसके पीछे केेंद्र सरकार ने तर्क दिया है कि मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा राजस्थान प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य है. वर्ष 2022 मेें लू अधिक चलने के कारण गेहूं की पफसल को नुकसान पहुंचा. इसी कारण उत्पादन घट गया. गेहूं उत्पादन की बात करें तो वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 2021-22 में 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया. वर्ष 2021-22 में गेहूं की ऑल इंडिया यील्ड्स 3,521 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से घटकर वर्ष 2021-22 में 3,507 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रह गई है.
कीमतों को नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार ने उठाए कदम
केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों के नियंत्रण के लिए भी कदम उठाए हैं. गवर्नमेंट ने मई में गेहूं के निर्यात करने पर बैन लगा दिया था. वहीं गेहूं के ऑल इंडिया मासिक औसत थोक मूल्य की बात करें तो जनवरी में 2,228 रुपये प्रति क्विंटल, फरवरी में 2,230 रुपये, मार्च में 2,339 रुपये, अप्रैल में 2,384 रुपये, मई में 2,352 रुपये, जून में 2,316 रुपये, जुलाई में 2,409 रुपये प्रति क्विंटल, अगस्त में 2,486 रुपये, सितंबर में 2,516 रुपये, अक्टूबर में 2,571 रुपये और नवंबर में 2,721 रुपये प्रति क्विंटल रहा. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि गेहूं समेत अन्य अनाज और सब्जियों की कीमतों की स्थिति बाजार में उसकी मांग, सप्लाई और अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर निर्धारित होती हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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