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रंग बिरंगे फूल केवल आंगन ही नहीं महकाते, इस ट्रिक से खेती करे तो कमाई भी देते हैं

देश में फूलों का बड़ा बाजार है. किसान जहां फूलों की खेती कर लाखों कमाते हैं. वहीं काफी लोग बिना फूलों की बुवाई किए अच्छा खासा कमा लेते हैं. इस तरह के कारोबार में भी लाखों रुपये का मुनाफा है.

Flower Production In India: देश के किसान रबी, खरीफ, जायद सभी सीजन में करोड़ों हेक्टेयर में फसलों की बुआई करते हैं. फसलों से किसान आमदनी करते हैं. वहीं उनकी आजीविका का साधन भी है. किसानों का जोर परंपरागत खेती पर होता है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि किसान पारंपरिक खेती से हटकर फसलों की बुवाई कर सकते हैं. आज ऐसी ही खेती के बारे में बताने जा रहे हैं. कोई समारोह हो या त्यौहार, घर, रेस्टोरेंट, दुकान, होटल, मैरिज होम समेत अन्य संस्थानों को सजाया जाता है. इस सजावट में प्रमुख भूमिका फूलों की होती है. यदि फूलों के कारोबार को बिना बुवाई के भी सही ढंग से किया जाए तो मालामाल हो सकते हैं. 
 
फूलों के बिजनेस में ऐसे है बंपर कमाई
देश में फूलों का एक बड़ा बाजार है. महज 50 हजार से एक लाख रुपये की लागत से इसे शुरू किया जा सकता है. विशेष बात यह है कि फूलों के इस बिजनेस को 1000 से 1500 वर्ग फीट में किया जा सकता है. फूल कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि खेती के बजाय फूलों के कारोबार से जुड़ रहे हैं तो स्मॉल अमाउंट की जरूरत होती है. इसके लिए जगह की बात करें तो 1000 से 1500 वर्ग फीट ही कारोबार करने के लिए पर्याप्त है. इसके अलावा फूलों को तरोताजा रखने के लिए एक फ्रिज की जरूरत पड़ती है. 

इतनी मैनपॉवर की पड़ती है जरूरत
यदि फूलों का कारोबार करने का मन है तो इसके लिए कुछ मैनपॉवर की जरूरत भी पड़ती है. मसलन, फूलांे की पैकिंग, डिलेवरी के लिए लोगों की जरूरत पड़ सकती है. जिन किसानों ने फूलों की खेती कर रखी है. उनसे खरीदारी करने के लिए भी सहकर्मियों की जरूरत पड़ेगी. अलग अलग मौकों पर अलग अलग तरह के फूलांें की तरह जरूरत होती है. सभी तरह के फूलों का प्रबंध कारोबारी को करना पड़ेगा. फूलों को काटने, बांधने और गुलदस्ता बनाने के लिए भी कई उपकरणों की जरूरत पड़ेगी

ऐसे बढ़ाए बिजनेस
आमतौर पर घरों में शादी, ब्याह, जन्मदिन अन्य फंक्शन होते रहते हैं. इसके अलावा प्रतिष्ठान हो या घर लोग सुबह शाम पूजा भी करते हैं. यदि फूलों के कारोबार से जुड़े हैं तो प्रतिष्ठान और ऐसे परिवारों से संपर्क किया जा सकता है. किसी प्रतिष्ठान, दुकान और घरों पर संपर्क कर लें. उन्हें बताया जाए कि ऑनलाइन या ऑनकॉल फूल भेजने की सुविधा उपलब्ध है. व्यापार बढ़ाने के लिए व्हाटसएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम का सहारा लेकर भी फूलों की बिक्री बढ़ा सकते हैं. 

इन फूलों की अधिक होती मांग
वैसे तो सैंकड़ों तरह के फूल मौजूद हैं. लेकिन आमतौर पर फंक्शन में गुलाब, गेंदा, चंपा, चमेली, मोगरा फूल, गुलाब, कमल ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, कार्नेशन समेत अन्य फूलों की मांग अधिक होती है. 

इतनी होती है कमाई
बाजार में सभी तरह के फूल उपलब्ध होते हैं. कुछ महंगे तो कुछ सस्ते होते हैं. मसलन, गेेंदा, गुलाब के दाम में ही फर्क आ जाता है. कमल और अधिक महंगा बिकता है. उससे सस्ता गुलाब और गेंदा और अधिक सस्ता होता है. किसान से जिस भाव से फूल खरीदें. उससे दो से तीन गुने पर अपने फूलों को बेचना चाहिए. यदि कोई फूल 2 रुपये में खरीदा जाता है. वह बाजार में 6 से 7 रुपये में आसानी से बिक जाता है. किसी विशेष मौके पर फूल की कीमत 10 से 20 रुपये भी हो जाएगी. गेंदे के फूल का 50 से 70 रुपये प्रति किलो रेट मिल रहा हैं.वही गुलाब का एक पीस 20 रुपये में बिक रहा हैं और मोगरा का फूल 1000 रुपये प्रति क्विंटल तक रेट मिल रहा है. जूलियट गुलाब के गुलदस्ते की कीमत लगभग 90 पाउंड यानी की 9,134 रुपये के आसपास है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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