किसानों के लिए खेती से जुड़ी बहुत सी समस्याएं सामने आती हैं. जिसमें कई समस्याएं प्राकृतिक होती हैं. जिनका सामना उन्हें करना ही होता है. तो वहीं कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं. जो इंसानों द्वारा बना दी गई होती. खेती के लिए खाद, बीज और कीटनाशक बहुत जरूरी होते हैं. लेकिन बाजार में यह चीजें नकली भी बेची जा रहीं हैं. जिससे किसानों को काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है. जिनमें कीटनाशक बहुत मात्रा में नकली बेचा जा रहा है. कृषि एक्सपर्ट असली नकली में फर्क आसानी से कर लेते हैं. लेकिन किसानों के लिए भी यह मुश्किल काम नहीं है. आइए जानते हैं. किसान कैसे कर सकते हैं असली नकली कीटनाशक में फर्क.


इस तरह बचें नकली कीटनाशक से


जब आप कीटनाशक खरीदने जाएं तो जो प्रतिष्ठित दुकान हैं या जो सर्टिफाइड डीलर्स हैं. उनसे ही कीटनाशक खरीदें. और ऐसे कीटनाशक खरीदने से बचेें जिन पर हिंदी और अंग्रेजी में निर्देश न लिखे हो. इसके साथ ही जब आप कीटनाशक खरीदें तो इस बात का भी ध्यान रखें कि जो प्रोडक्ट आप ले रहे हैं. उस पर लेबल लगा हुआ हो. जिसमें ईपीए का रजिस्ट्रेशन नंबर भी शामिल हो. इसके साथ ही उसमें यह जरूर देखें कि कौन से सक्रिय घटक लिखे हुए हैं. एनवायरमेंटल प्रोटक्शन एजेंसी यानी ईपीए द्वारा सभी घटक लेबल पर लिखे होते हैं. जब आप कीटनाशक खरीदें तो उसका बिल जरूर लें. ताकि अगर फसल में नुकसान होता है तो आपके पास सबूत मौजूद हो. 


कम कीमत के चक्कर में न फंसे


अक्सर देखा गया है लोग मार्केट में महंगी चीजों के बजाय सस्ती चीज़ खरीदना पसंद करते हैं. लेकिन अगर आप सस्ते के चक्कर में फंस जाएंगे तो बहुत मुमकिन है लोग आपको नकली चीज़ें थमा जाएं. इसलिए आप जब कीटनाशक खरीदने जाएं तो सस्ते के चक्कर में न पड़ें. क्योंकि वह नकली हो सकता है. असली कीटनाशक ही खरीदें भले ही वह थोड़ा महंगा ही क्यों ना हो. 


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