जनता के लिए खुशखबरी, केंद्र सरकार के इस कदम से 10 दिन में घट सकती है आटे की कीमत
देश में गेहूं की बढ़ी कीमतों से केंद्र और राज्य सरकार चिंतित है. अब इसकी कीमतों को कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं. एफसीआई खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं बेचेगा.
Flour Price In India: एक ओर जहां चावल की कीमत होने की खबरों से आमजन ने राहत की सांस ली है. वहीं, देश में अगले कुछ दिनों में चावल की कीमतों पर भी मंदी का असर देखने को मिल सकता हैं. चावल की कीमत करने के लिए केंद्र सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं. दरअसल, देश में पिछले कुछ महीने में गेहूं की कीमतों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी. बढ़ी कीमतों को लेकर केंद्र सरकार भी टेंशन में आ गई थी. ऐसे में गेहूं की कीमतों को नियंत्रण में रखना केंद्र सरकार के लिए चुनौती भरा काम था. अब उसी को लेकर केंद्र सरकार के स्तर से कवायद की गई है.
बाजार में 30 लाख टन गेहूं उतारेगा एफसीआई
देश में गेहूं की कीमतों के बढ़ने के पीछे मुख्य वजह यह है कि बाजार में गेहूं का स्टॉक बेहद कम स्तर पर पहुंच गया और डिमांड उतनी रही. मांग और सप्लाई में अंतर का असर उसकी कीमतों पर देखने को मिला. आटे की कीमत बढ़ी तो केंद्र सरकार पर इसकी कीमत कम करने का दबाव बढ़ गया. अब उसी दबाव का असर गेहूं और आटे के बाजार में देखने को मिल रहा है. इसी कारण एफसीआई ने खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की योजना की घोषणा की.
1 फरवरी से शुरू होगी नीलामी
एफसीआई ने बयान दिया है कि एक फरवरी से 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और ढुलाई लागत के साथ साप्ताहिक ई-नीलामी शुरू कर दी जाएगी. इस योजना के अंतर्गत थोक उपभोक्ताओं को करीब 25 लाख टन गेहूं बेचा जाएगा. इससे देश में बढ़ रही गेहूं और आटे की कीमतों को कम करने पर लगाम लगेगी.
10 दिन में घट सकती है आटे की कीमत
एफसीआई का बयान सामने आने के बाद दिल्ली के बाजार में गेहूं की कीमतों पर असर देखने को मिला है. इसकी कीमत में 6 से 9 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एफसीआई ने गेहूं बेचने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं उतारने की जो भी योजना तैयार की गई है. इसका असर अगले 10 दिन में बाजार में देखने को मिलेगा. आटे की कीमतों में गिरावट आने की पूरी उम्मीद है. व्यापारियों का कहना है कि टेंडरिंग प्रोसेस खत्म होगा और बाजार में गेहूं पहुंचेगा तो गेहूं की कीमतों में ऑटोमैटिक ही गिरावट आ जाएगी.
29.50 रुपये प्रति किलो से अधिक नहीं बेच सकेंगे
केंद्र सरकार के स्तर से खुदरा मार्केट में गेहूं बेचने की गाइडलाईन भी तय कर दी हैं. राज्यों में गेहूं बेहद सस्ती दरों पर दिया जाएगा. इसे 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक दर से बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं, एफसीआई 30 लाख टन में से ई-नीलामी के माध्यम से आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन गेहूं बेचेगा. इससे आटे की कीमतों पर सीधा असर पड़ना तय है.
15 मार्च तक चलेगी नीलामी
गेहूं बेचने की नीलामी करने की तारीख भी तय कर दी गई हैं. एक फरवरी को पहली नीलामी होगी. यह प्रक्रिया 15 मार्च तक चलेगी. गेहूं बिक्री 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और भाड़ा शुल्क के साथ की जाएगी. एक खरीदार अधिकतम 3,000 टन और न्यूनतम 10 टन तक की मात्रा के लिए बोली लगा सकेगा. इससे प्रत्येक वर्ग के व्यापारी को गेहूं खरीदने का अवसर मिल सकेगा.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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