Food Oil Price: देश में खाद्य तेल के भाव आसमान छू रहे हैं. तेल के कारण ही लोगों की रसोई का बजट बिगड़ गया है. खाद्य तेल के दामों को लेकर खुद सरकार फिक्रमंद हैं. अन्य देशों में तेलों के दामों में गिरावट आई है. इसी कारण अब देश में भी खाद्य तेल के दामों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब सरकार ने भी संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में देश में भी तेल के दामों गिरावट देखने को मिल सकती है. 


तेल के दामों में इतनी लगी है आग


बाजार में खाद्य तेल के दामों में आग लगी हुई है. इसके पीछे कुछ वजह भी हैं. दरअसल, रिटेल और थोक मार्केट में सूरजमुखी और सोयाबीन ऑयल इंपोर्ट रेट के मकाबले बहुत अधिक महंगा बिक रहा है. सूरजमुखी तेल का कीमत लगभग 25 प्रतिशत हाई रेट पर हैं. सोयाबीन ऑयल लगभग 10 प्रतिशत हाई प्राइस है. अब यदि विदेशी बाजारों की बात करें तो वहां सूरजमुखी तेल, सोयाबीन तेल से 35 डॉलर प्रति टन कम हो गया है. एक्सपर्ट ने बताया है कि सूरजमुखी तेल के अधिक दाम होने के पीछे देश में इसका प्रॉडक्शन कम होना. इसी कारण यह विदेशों को एक्सपोर्ट भी नहीं हो पाता है. 


उत्पादन बढ़े तभी तो दाम घटेंगे


किसानों और कारोबारियों का कहना है कि केंद्र सरकार और स्टेट गवर्नमेंट को सोयाबीन, सरसों, मूंगफली, सूरजमुखी जैसे स्थानीय तिलहनों के प्रॉडक्शन को बढ़ावा देना चाहिए. इससे देश को महंगे दामों पर विदेश से तेल नहीं मंगाना पड़ेगा और न ही घरेलू बाजार में तेल कीमतों में बढ़ोत्तरी दर्ज की जाएगी. कम तेल सप्लाई होने के कारण सोयाबीन ऑयल फिलहाल मार्केट में 10 प्रतिशत महंगा बिक रहा है. लोग खरीदने को मजबूर हैं.



1.57 लाख करोड़ हुआ आयात तेल खर्च


खाद्य तेलों पर आयात खर्च बढ़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रॉपर उत्पादन न होने के कारण लाखों करोड़ रुपये आयात पर केंद्र सरकार खर्च कर रही है. अक्टूबर, 2022 को समाप्त होने वाले तेल वर्ष में आयात तेल खर्च 34.18 प्रतिशत बढ़कर 1.57 लाख करोड़ रुपये हो गया है. एक्सपर्ट के अनुसार, विश्व के प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार देश भारत ने तेल वर्ष नवंबर 2020 से अक्टूबर 21 में 1.17 लाख करोड़ रुपये का 131.3 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया था. इंडोनेशिया ने पाम तेल पर बैन लगा दिया था. फिलहाल इंटरनेशनल लेवल पर भी तेल के दाम गिरे हैं. इस कारण तेलों की कीमत प्रभावित हो रही हैं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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