Agri Business: इस शानदार बिजनेस आइडिया पर काम कर लें किसान, केला की उपज के मिलने लगेंगे दोगुना दाम
Banana Cultivation:भारत में हर साल 29,124,000 टन केला उगाया जा रहा है. बाजारों में भी केला और इसके चिप्स की काफी डिमांड है. आप इसे मुनाफा कमाने वाली बिजनेस अपॉर्चुनिटी के तौर पर ले सकते हैं.
Food Processing Business: गांव में बैठे किसान से लेकर शहर में बैठे बेरोजगार युवा के लिए आज एक खास बिजनेस आइडिया लेकर आए हैं. बाजार में फलों की डिमांड तो बढ़ रही है, लेकिन फलों से बने फूड प्रोडक्ट्स भी खूब पसंद किए जाते हैं. केला भी ऐसा ही फल है, जिसकी स्मूदी से लेकर चिप्स तक हेल्दी प्रोडक्ट्स बताए जाते हैं. इंडिया के साथ-साथ इंटरनेशनल मार्केट में भी बनाना चिप्स की अच्छी डिमांड-सप्लाई है. यह आलू चिप्स से ज्यादा हेल्दी है, इसलिए भी लोग इसे स्नेक्स की तरह खाते हैं. ये चिप्स लोकल मार्केट में भी आसानी से बिक जाते हैं. इसी फूड प्रोडक्ट का कारोबार करके आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं. अच्छी बात यह है कि लगभग हर तरह की फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए सरकार सब्सिडी भी देती है.
कितना खर्चा आएगा
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत एक शीर्ष संस्था खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने केला का चिप्स बनाने के प्रोसेसिंग बिजनेस में खर्च से लेकर आमदनी तक का अनुमान लगाया है. इसकी रिपोर्ट के अनुसार, केला चिप्स बनाने के बिजनेस में 4.55 लाख रुपये का कम से कम शुरुआती निवेश आता है, जिसमें वर्कशेड बनाने पर 2,50,000 रुपये, मशीनों पर 1,55,000 रुपये और वर्किंग कैपिटल के लिए 50,000 रुपये के फंड की आवश्यकता होगी.
कितनी कमाई हो जाएगी
खादी और ग्रामोद्योग आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, केला के इस प्रोसेसिंग बिजनेस के जरिए आप हर साल 24 टन बनाना चिप्स बना सकते हैं, जिसकी कुल कीमत 9,88,700 रुपये के आसपास होगी. यदि आपकी यूनिट में उत्पादन क्षमता 100 फीसदी है तो एक साल में 18,00,000 रुपये का केला चिप्स बेच सकते हैं. इसमें 8,11,300 का ग्रॉस सरप्लस होगा. यदि इस बिजनेस के सारे खर्चों को निपटाकर देखें तो 7,83,000 रुपये की आमदनी ले सकते हैं यानी हर महीने 60,000 से 65,000 रुपये की आमदनी हो जाएगी.
इस स्कीम से मिलेगी आर्थिक मदद
खाद्य उत्पादों के प्रसंस्करण यानी प्रोसेसिंग बिजनेस को भारत सरकार भी प्रमोट कर रही है. यदि आप केला के चिप्स बनाने का प्रोसेसिंग बिजनेस चालू कर रहे हैं तो केंद्र सरकार की सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में आवेदन कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत फल, सब्जी, मसाले, फूल और अनाजों की प्रोसेसिंग, वेयर हाउस और कोल्ड स्टोरेज या दूसरी फूड बेस्ड इंडस्ट्री लगाने पर कुल लागत पर 35 फीसदी सब्सिडी दी जाती है. आप अपनी पात्रता सिद्ध करके अधिकतम 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद सरकार से ले सकते हैं.
मुद्रा लोन भी देती है सरकार
आज के समय में आंत्रप्रेन्योरशिप को काफी प्रमोट किया जा रहा है. एक तरफ केंद्र सरकार आर्थिक मदद देती है. वहीं अगर आप शुरुआती फंडिंग में कुछ परेशानी आ रही तो आप प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में आवेदन करके लोन भी ले सकते हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में नॉन-कॉर्पोरेट छोटे उद्यमों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इन उद्यमों के लिए सरकार 10 लाख तक का लोन देती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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