Food Security Bill: देश में अनाज का पर्याप्त भंडार है. खाद्यान्न की किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं होगी. केंद्र सरकार ने नए साल में जनवरी से लेकर दिसंबर तक गरीबोें को अनाज वितरण का पूरा खाका खींच दिया है. साल भर किसी गरीब को अनाज मिलने में कोई परेशानी नहीं रहेगी. केंद्र सरकार गरीबों का पेट भरने के लिए लाखों करोड़ रुपये का निवेश भी करेगी. केंद्र सरकार ने आश्वस्त किया है कि देश में किसी तरह का खाद्य सुरक्षा संकट पैदा नहीं होगा.


साल भर मिलेगा मुफ्त अनाज


केंद्रीय खाद्य मंत्रालय घोषणा कर चुका है कि 1 जनवरी से 31 दिसंबर, 2023 तक 81.35 करोड़ लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) की धारा 3 के तहत चावल, गेहूं और मोटे अनाज मुफ्त में वितरित किया जाएगा. केंद्र सरकार ने एक जनवरी से 31 दिसंबर तक एक साल के लिए मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने की प्लानिंग पर काम शुरू कर दिया है. 


2 लाख करोड़ का होगा निवेश


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के तहत मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार नहीं किया है. यह योजना 31 दिसंबर को समाप्त होनी थी. हर बार इसे केंद्र सरकार 3-3 महीने के लिए बढ़ा रही थी. लेकिन इस बार इसे बढ़ाने की कोई घोषणा नहीं की गई. योजना को न बढ़ाकर केंद्र सरकार ने करीब 40 हजार करोड़ रुपये की बचत की है. वहीं खाद्य सुरक्षा के तहत साल भर दिए जाने वाले अनाज में केंद्र सरकार इसकी भरपाई करेगी. 


23 दिसंबर को ही कर दी थी घोषणा


23 दिसंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक वर्ष के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्त में खाद्यान्न वितरण को मंजूरी दी थी. इसके तहत देश के 81 करोड़ योजना का लाभ लेंगे. अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) और प्राथमिकता वाले परिवारों (पीएचएच) कार्यक्रमों के माध्यम से 75 प्रतिशत तक ग्रामीण आबादी और 50 प्रतिशत शहरी आबादी को भारी सब्सिडी वाला खाद्यान्न मिल सकता है. अगर केंद्र सरकार के रिकॉर्ड देखें तो पहले ही घोषणा की जा चुकी है कि केंद्र सरकार के स्टॉक में 1 जनवरी, 2023 तक लगभग 159 लाख टन गेहूं, 104 लाख टन चावल उपलब्ध होगा. वहीं, 1 जनवरी को 138 लाख टन गेहूं और 76 लाख टन चावल के संबंधित बफर मानदंडों की आवश्यकता थी.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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