Agriculture Growth In Bihar: केंद्र व राज्य सरकार खेती किसानी पर जोर दे रही हैं. केंद्र सरकार देश में एग्रीकल्चर ग्रोथ की दिशा में काम कर रही हैं. राज्य सरकार भी किसानों को प्रोत्साहित करती हैं. हर राज्य किसानों को फ्री बीज, सब्सिडी पर मशीन व अन्य जरूरी यंत्र उपलब्ध कराता है. बिहार सरकार भी किसानों को खेती में उन्नत बनाने के लिए लगातार कदम उठा रही है. आने वाले सालों में बिहार के किसानों खेती किस तरह करेंगे. इसका पूरा खाका तैयार किया जा रहा है. इसी कड़ी में बिहार गवर्नमेंट चौथे कृषि रोडमैप की तैयारियों में जुटी है. 


एक अप्रैल 2023 से लागू होगा चौथा कृषि रोडमैप


बिहार सरकार कृषि रोडमैप को ग्राउंड पर उतारने को लेकर कार्ययोजना तैयार कर रही है. बिहार में चौथा कृषि रोडमैप एक अप्रैल 2023 से लागू होगा. इस रोडमैप पर मार्च 2028 तक काम किया जाएगा. बिहार सरकार के अधिकारियों का कहना है कि बिहार में रोडमैप की तैयारी अंतिम चरण में हैं. मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के स्तर से लगातार इसकी समीक्षा की जा रही है. 


तीसरे कृषि रोडमैप से लिया जाएगा सबक


अधिकारियों का कहना है कि बिहार में तीसरे कृषि रोडमैप की मियाद खत्म हो गई है. अब बिहार सरकार चौथा कृषि रोडमैप लागू करने जा रही है. इस रोडमैप को लागू करते समय यह देखा जा रहा है कि तीसरे कृषि रोड मैप में कहां चूक रह गईं. किस स्तर से लापरवाही या कमी बरती गईं. इसमें उन्हें सुधारा जाएगा. 


दलहन, मिलेट के उत्पादन में पीछे है बिहार


बिहार में गेहूं, धान और मक्का भरपूर होता है. इनके उत्पादन में यह देश के सरप्लस वाले राज्यों में शामिल है. वहीं, तिलहन, दलहन और मिलेट के उत्पादन में बिहार अभी काफी पीछे है. चौथे कृषि रोड मैप में दलहन, तिलहन, मिलेट की पैदावार को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा. इसके अलावा कृषि विविधीकरण, वेल्यूएडीशन, जलवायु अनुकूल कृषि के साथ साथ लेयर फार्मिंग, डेयरी, फिशरीज पर भी फोकस रहेगा. बिहार सरकार चौथे कृषि रोडमैप में यांत्रिकीकरण का विकास, फसल मांग आधारित बाजार व्यवस्था, समेकित कृषि प्रणाली, कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, रासायनिक उर्वरक का विकल्प शामिल किया जाएगा. 


रोडमैप में चौर क्षेत्र का किया जाएगा विकास


चौथे कृषि रोडमैप में चौर क्षेत्र का विकास किया जाएगा. यहां मछली उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. साथ ही चौर क्षेत्र विकास नीति तैयार की जाएगी. चौर क्षेत्र के विकास के लिए नीचे मछली, उपर बिजली के उत्पादन की योजना है. चौर क्षेत्र लीज पर देकर मछली पालन के साथ साथ सौर उर्जा के लिए निजी क्षेत्र को विकास के लिए आमंत्रित किया जाएगा. राज्य में तकरीबन ढाई लाख हेक्टेयर चौर क्षेत्र है. चौथे कृषि रोडमैप के पहले साल में 50 हजार हेक्टेयर में चौर क्षेत्र विकसित किए जाएंगे. 


अधिक किसानों को दिलाए जाएंगे कृषि क्रेडिट कार्ड


कृषि रोडमैप को सफल बनाने के लिए बैंकों का सहयोग जरूरी है. किसान को कृषि लोन आसानी से उपलब्ध हो. इसके लिए बैंक और किसानों के बीच समन्वय बनाने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी. अगले 5 साल में करीब 2 लाख करोड़ कृषि कर्ज की आवश्यकता किसानों को होगी. अभी राज्य के 1.64 करोड़ किसान में से 10 प्रतिशत किसानों को ही कृषि क्रेडिट कार्ड मिला है. अधिक से अधिक किसानों के पास कृषि क्रेडिट कार्ड पहुंचे. इसका खाका भी खींचा जाएगा. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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