Millets 2023: कैंसर टॉनिक के नाम से मशहूर ये दुनिया का सबसे पुराना मिलेट, डाइट में शामिल करने पर मिलेंगे ये फायदे
Foxtail Millet: कंगनी की खेती उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर की जाती है, लेकिन बढ़ते पलायन के बीच उत्पादन कम हो गया है. ये दुनिया का सबसे पुराना मिलेट भी है, जिसे कौणी और चीन में छोटा चावल भी कहते हैं.
Millets Farming: रोजाना कुछ मात्रा में मिलेट का सेवन करने पर आपकी सेहत एक दम दुरुस्त रहेगा. ऐसा हमारा ही नहीं, डॉक्टर्स का भी मानना है, हालांकि मोटा अनाज का सेवन करने के लिए आपको गेहूं-चावल छोड़ने की जरूरत नहीं है. रोजाना की डाइट में 14 से 15 प्रतिशत मोटा अनाज जोडें. इससे शरीर को सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति होगी और कैंसर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों का खतरा भी टल जाएगा. मिलेट कोई चमत्कार नहीं है, बल्कि विज्ञान है. आज मोटे अनाजों में बाजरा के बाद सबसे ज्यादा खेती का रकबा कंगनी ने कवर किया हुआ है. एशिया में कंगनी की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है. आइए बताते हैं कि कंगनी क्यों इतना खास है.
कंगनी
कंगनी का सबसे ज्यादा उत्पादन उत्तराखंड में होता था, लेकिन पहाड़ों से बढ़ते पलायन के बीच अब इसकी उपज कम होती जा रही है. कंगनी को फॉक्सटेल मिलेट भी कहते हैं, जिसका रंग पीला और स्वाद हल्का मीठा-कड़वा होता है. कई लोग कंगनी को गेहूं और चावल में मिलाकर भी खाते हैं.
उत्तराखंड में कंगनी से कई पारंपरिक व्यंजन भी बनाए जाते हैं. कई इलाकों में कंगनी को चीनी बाजरा भी कहते हैं. चीन में इसका उत्पादन ई0पु0 600 वर्ष से हो रहा है और आज इससे रोटियां, खीर, भात, इडली, दलिया, मिठाई बिस्किट आदि बनाए जाते हैं.
इस #RepublicDay में जानें एशिया में सबसे अधिक उगाई जाने वाली फॉक्सटेल मिलेट्स और उसके स्वास्थ्य संबंधी लाभों के बारे में ।#IYM2023 #MoFPIMegaFoodEvent2023 pic.twitter.com/Rcg5Dd9K53
— FOOD PROCESSING MIN (@MOFPI_GOI) January 20, 2023
कंगनी की खूबियां
कंगनी में मैग्नीशियम, फाइबर, आयरन, फास्फोरस, कैरोटिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, विटामिन, राइबोफ्लेविन, थियामिन आदि मौजूद होता है. कंगनी को गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद बताया गया है.
इसके नियमित सेवन से जोड़ों के दर्द, आर्थराइटिस, सूजन के साथ-साथ पाचन की समस्या को भी दूर किया जा सकता है. कंगनी में मौजूद प्रोटीन और आयरन एनीमिया यानी खून को कमी को पूरा कर देते हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स से तनाव और कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा भी कम किया जा सकता है.
कैसे खाएं कंगनी
गेहूं और चावल की तरह ही कंगनी का सेवन किया जाता है. आप इससे रोटी, पराठे, खीर, दलिया के अलावा स्नैक्स भी बना सकते हैं. कंगनी से कोई भी व्यंजन बनाने से पहले इसे 6 घंटे पहले ही भिगो दें, ताकि इसका टेक्सचर सही हो जाए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: मोटे अनाजों के प्रसंस्करण को भी बढ़ावा, इस स्कीम से 50 लाख का अनुदान मिलता है, आप भी उठाएं फायदा