अब किसानों के लिए खुलेंगे 1000 से ज्यादा FPO, जानिए ये क्या होते हैं और इससे कैसे बढ़ेगी इनकम
केंद्र सरकार ने किसान उत्पादन संगठनों की स्थापना करनी शुरु कर दी है. उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड समेत अन्य राज्यों में तेजी से काम हो रहा है.योजना से लाखों किसानों को जोड़ लिया गया है
Farmer Producer Organization Scheme: किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार काम कर रही है. किसान उत्पाद संघ की मदद से किसान उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की कवायद शुरू कर दी है. केंद्र सरकार ने देश में कुछ महीने पहले किसान उत्पादक संगठन एफपीओ खोलने की घोषणा की थी. अब इनपर ग्राउंड लेवल पर काम शुरू कर दिया गया है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अधिकारियों को तेजी से इस दिशा में काम करने के निर्देश दिए हैं.
10000 नए FPO की स्थापना पर काम शुरू
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक कार्यक्रम में कहा कि देश में छोटे और सीमांत किसानों की संख्या कुल किसानों में 86 प्रतिशत है. बड़े किसानों की आमदनी ठीक हो जाती है. लेकिन कमाई का संकट छोटे किसानों के आगे अधिक रहता है. ऐसे ही किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है. सरकार की कोशिश खेती की लागत कम करना भी है. छोटे किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 10,000 किसान उत्पादक संगठनों की स्थापना पर काम शुरु कर दिया है.
10 लाख किसान जोड़ने की प्लानिंग
अप्रैल में योजना का शुभारंभ किया गया. योजना के तहत तब 5.87 लाख से अधिक किसानों को जोड़ लिया गया था. अब इसे बढ़ाकर 10 लाख तक किया जा रहा है. इसके अलावा लगभग 3 लाख किसानों को FPO के शेयरधारकों के रूप में पंजीकृत किया गया है. किसान सदस्यों द्वारा इक्विटी योगदान 36.82 करोड़ रुपये है. जारी की गई इक्विटी आर्थिक सहायता सहित एफपीओ का कुल इक्विटी आधार 50 करोड़ रुपये है. केंद्र सरकार ने योजना के तहत 201 महिला केंद्रित एफपीओ पंजीकृत किए हैं. आदिवासी जिलों में 481 एफपीओ पंजीकृत हैं. एफपीओ ने व्यापार लेनदेन भी शुरू कर दिया है.
आर्थिक मदद भी दे रही सरकार
वित्तीय लाभ और तकनीकी सहायता को योजना के तहत पात्र होने के लिए एफपीओ को कंपनी कानून, 2013 या राज्य सहकारी समिति कानून के तहत पंजीकृत होना आवश्यक है. इसमें मैदानी क्षेत्रों में न्यूनतम 300 किसान और पहाड़ी और पूर्वाेत्तर क्षेत्र में 100 किसान हों. इस योजना के अंतर्गत उन्हें स्थिर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए प्रबंधन लागत के रूप में 3 साल के लिए अधिकतम 18 लाख रुपये प्रति एफपीओ की वित्तीय सहायता देने का प्रावधान है. एफपीओ के वित्तीय आधार को मजबूत करने और उन्हें प्रमाणित करने वाले फ्री लोन प्राप्त करने के लिए, अधिकतम 2000 रुपये प्रति सदस्य समान हिस्से की आर्थिक मदद का प्रावधान है. इसमें 15 लाख रुपये एफपीओ और 2 करोड़ रुपये की बैंक योग्य परियोजना ऋण गारंटी की सुविधा है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.