Frost Effect On Crop: देश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. राजस्थान में तापमान जीरो डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका हैं. वहीं कई राज्यों में ठंड के साथ पाला भी परेशान कर रहा है. पाले के कारण हाथ-पैरों में गलन हो रही है. यही पाला किसानों को भी परेशान कर रहा है. अधिकांश राज्यों में आलू की बुवाई हो चुकी है. किसानों को डर है कि पाला आलू को नुकसान न पहुंचा दें. वहीं तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुवाई भी हो चुकी है. पाला सरसों को हानि पहुंचा सकता है. ऐसे में विशेषज्ञों ने बचाव करने की सलाह दी है. 


एक सप्ताह पाला पड़ा तो लग सकता है झुलसा रोग  
उत्तर प्रदेश के एग्रीकल्चर एक्सपर्ट का कहना है कि किसानों को इस मौसम में अलर्ट होने की जरूरत है. यदि एक सप्ताह में घना कोहरा और पाला पड़ा तो आलू की फसल झुलसा रोग की चपेट में आ सकती है. इस रोग में आलू के पौधे की पत्त्ती पर धब्बे आ जाते हैं. पौधे दम तोड़ना शुरू कर देते हैं. 


सरसों की फसल को हो सकता है नुकसान
कोहरा और पाले का असर सरसों की फसल पर देखने को मिल सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक पाला पड़ने पर सरसों का फूल पाले में नष्ट हो जाता है. इससे सरसों की उपज प्रभावित होती है. इससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान होने की संभावना है. 


पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय, बढ़ेगी ठंड
कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है. अगले कुछ दिन ठंड अधिक पड़ने की संभावना है. इसके अलावा पछाई हवा भी चल रही है. इसकी वजह से मौसम में नमी अधिक रहेगी. ठंडी हवाएं चलेंगी. मौसम नरम होने में थोड़ा समय लग सकता है.


बचाव के लिए खेत के पास धुआं कर दें
एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि यदि पाला अधिक पड़ रहा है तो जिस जगह फसल बोई गई है. उसके आसपास धुआं कर दें. धुएं से ठंड का असर कुछ कम हो जाता है. पाला भी सीधा प्रभाव नहीं डालता. 


तापमान नियंत्रण के लिए सिंचाई करिए
विशेषज्ञों का कहना है कि पाले से फसल झुलस जाती है. फसल के लिए की जाने वाली सिंचाई तापमान नियंत्रण का भी काम करती है. पानी से भी तापमान नहीं बढ़ पाता है और पाला उतना असरकारक नहीं रहता. आलू की फसल में 10 से 15 दिन के अंतर पर सिंचाई कर देनी चाहिए. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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